Dumka: नाबालिग से गैंगरेप और हत्या के मामले में रिकॉर्ड 28 वें दिन आया फैसला। कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को सुनाई फांसी की सजा ।
दुमका। 6 साल की मासूम बच्ची की गैंगरेप कर हत्या कर शव को छिपाने के मामले में अभियुक्त मीठू राय, पंकज मोहली और अशोक राय को पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों को भादवि की धारा 366 में 10 साल सश्रम कारावास और 15 हजार जुर्माना नहीं देने पर 2 साल का कारावास। 376 डी बी में भी सजाए मौत, 50-50 हजार जुर्माना नहीं तो 5 साल की सजा। 302 में फांसी के फंदे पर तबतक लटकाया जाए जबतक दम नहीं निकल जाए। 50-50 हजार जुर्माना। नन्ही फरिश्ता के साक्ष्य छुपाने के अपराध में सात-सात साल की सजा 201/34 में। पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत तीनों को आजीवन कारावास की सजा मृत्यु होने तक। 25-25 हजार जुर्माना।
फैसला सुनाने से पहले जज मोहम्मद तौफीकुल हसन ने बच्ची के परिवार बालो को बुलाया और पूछा ये तीनो आपके बच्चे का दोषी है इन्हों ने ही रेप और हत्या किया है क्या सजा देना चाहते …. परिवार के सभी लोगों ने एक साथ फांसी कहा बच्ची की मां रोने लगी बोली बहुत खराब से हमरो बेटी के साथ करलको बड़ी खराब मारलको एकरा फांसी दे दे।
छह साल के मासूम के साथ दुष्कर्म, हत्या के आरोपी को सज़ा दिलाने के लिए कल रात के वक़्त कोर्ट खुला। 11 फरवरी को आरोपी को मुम्बई से गिरफ्तार कर दुमका लाया गया था। आज सज़ा सुनाई गई। दुमका पुलिस ने 28 फरवरी को मामले में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। चार दिन में सुनवाई पूरी हुई है। तारीफ होनी चाहिए दुमका एसपी वाई एस रमेश की और दुमका पुलिस की ।
तीन दिनों की सुनवाई में कोर्ट ने ठहराया दोषी, फांसी की सजा
दुमका पोक्सो कोर्ट ने गैंगरेप और हत्या के मामले में तीनों आरोपियों मीठू राय, पंकज मोहली और अशोक राय को अपहरण, गैंगरेप और हत्या (भादवि की धारा 366, 376 A, 376 D, 302, 201/34) के मामले में दोषी करार दिया था.
अदालत में तीन दिन से केवल इसी मामले की सुनवाई चल रही थी. 27 फरवरी को पहले दिन परिवार के सदस्यों की गवाही हुई. 28 फरवरी को दंडाधिकारी विजय कुमार ठाकुर, एसआइ संतोष कुमार, हवलदार प्रेम प्रकाश चौबे और शव का पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर गौतम कुमार की गवाही हुई थी. 2 मार्च को डीएसपी समेत 6 ने गवाही दी थी.
क्या है मामला
6 फरवरी को मिट्ठू राय और उसके दो दोस्त बच्ची को मेला दिखाने ले गए। बाद में सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी। बच्ची के गायब होने की शिकायत परिजनों ने पुलिस से की। पुलिस ने गहन पड़ताल के बाद सात फरवरी को जमीन के नीचे दबा बच्ची का शव बरामद किया। इसी दिन मामला दर्ज किया गया। दुमका एसपी वाईएस रमेश ने पुलिस को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। 11 फरवरी को दुमका पुलिस ने मुंबई पुलिस के सहयोग से मिट्ठू को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर अन्य दोनों अभियुक्त पंकज व अशोक को भी पकड़ लिया गया।
12 फरवरी को पुलिस ने सभी अभियुक्तों को अदालत में पेश किया। 26 फरवरी को आरोप पत्र दाखिल किया और 27 फरवरी को अदालत में आरोप गठित हुआ। अदालत ने मामले की गंभीरता देखते हुए 28 फरवरी को पीडि़त परिवार के छह लोगों की गवाही सुनी। 29 को चिकित्सक समेत अन्य चार लोगों ने गवाही दी। दो मार्च को अदालत ने रात तक मामले की सुनवाई कर छह गवाहों का टेस्ट किया गया।
ऐसे पकड़ में आए आरोपी
मिली जानकारी के अनुसार, घटना के बाद सात फरवरी तक मुख्य आरोपी मिट्ठू राय का मोबाइल लोकेशन घटनास्थल, गांव एवं आसपास के इलाके में मिला था. फिर वह भागलपुर के रास्ते मुंबई भाग निकला. तब पुलिस टीम उसके पीछे पड़ गई. मुंबई पुलिस ने पूरा सहयोग किया. उसे मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया था।