प्राण-प्रतिष्ठा के दिन जन्म लेने वाली बेटी का नाम प्रतिष्ठा, बेटों का नाम राम, श्रीराम और राघव रखा…
राँची।अयोध्या में प्रभु श्रीराम विराजमान हो गए। इसका साक्षी सोमवार (22 जनवरी 2024) को पूरा देश बना। हर राज्य, जिले, गांव-कस्बों में लोग जश्न में डूबे थे। इस दिन को यादगार बनाने के लिए जहां एक ओर लोगों ने शादी की, इंगेजमेंट की, गृह प्रवेश समेत अन्य शुभ कार्यों को अंजाम दिया। वहीं, कई घरों में किलकारी गूंजी। सोमवार को राजधानी के रिम्स सदर समेत अन्य प्रमुख अस्पतालों में 77 नवजातों ने जन्म लिया। इन 77 नवजातों में 33 लड़के, जबकि शेष 44 लड़कियां थीं। जिले में 2 बच्चे का भी ठीक उसी समय जन्म हुआ, जब अयोध्या में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा हुई।
12:29 से 12:31 के बीच में जन्में दोनों बच्चे लड़के हैं। प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा के दिन जन्म लेने वाली बेटियों का नाम भी परिजनों ने शुभ दिन को समर्पित करते हुए रखा। बेटी का नाम प्रतिष्ठा, आराधना रखा। वहीं बेटों का नाम राम, श्रीराम, राघव आदि रखा गया। बेटी तो लक्ष्मी का रूप है हीं, बेटों के जन्म पर परिजन बोलें- मेरे घर राम आएं हैं। सोमवार को अस्पताल में जितने भी बच्चे हुए सभी के अभिभावकों ने पूरे अस्पताल में खूब मिठाइयां बांटी। जमकर जश्न मनाया।पूरे अस्पताल में खूब मिठाइयां बांटी। जमकर जश्न मनाया।
जन्म लेने वालों में 33 लड़के, 44 लड़कियां… जश्न का महौल, परिजन बोले- मेरे घर राम आए हैं
प्रतिष्ठा :सदर अस्पताल में मांडर के रहने वाले पंचम उरांव की बेटी हुई। पिता ने तुरंत उसका नाम प्रतिष्ठा रख दिया। पूछने पर पंचम ने बताया कि प्रभु राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के दिन आई है, इसलिए प्रतिष्ठा नाम रखा है। यह नाम उसकी मां ने चुना था।
राम:किशोरगंज के राजेश साहू और चुटिया के करम कुमार रवि के बेटों का भी जन्म सदर अस्पताल में हुआ। दोनों ने अपने बेटों का नाम राम रखा। राजेश साहू ने कहा कि आज अयोध्या में भगवान राम आए हैं और मेरे घर भी राम आए हैं।
राघव:ढेला टोली के रोशन कुमार और पिंकी देवी के घर बेटा हुआ। पिता रोशन ने बेटे का नाम राघव रखा। बोले यह नाम प्रभु श्रीराम को समर्पित है।
प्रमुख अस्पतालों में जन्मे इतने बच्चे… इसके अलावा कई अस्पताल में भी बच्चों ने जन्म लिया…
63 बच्चे सर्जरी से जन्मे…
सोमवार को विभिन्न अस्पतालों में जन्म लेने वाले 77 बच्चों में 63 का जन्म सर्जरी से हुआ। चिकित्सकों ने नॉर्मल डिलीवरी कराने की कोशिश की, लेकिन सर्जरी का सहारा लेना पड़ा। रिम्स व सदर अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने बताया कि कुछ ऐसे भी मामले थे जिनकी डिलीवरी डेट 30 जनवरी, 31 जनवरी तक निर्धारित थी। लेकिन जांच में रिपोर्ट सामान्य पाए जाने पर सर्जरी कर प्रसव कराया गया।
इधर अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर जमशेदपुर शहर राममय रहा। इस शुभ मुहूर्त में शहर के अस्पतालों में 94 बच्चों का जन्म हुआ।वहीं पूरे जिले में 21 जनवरी की रात 12 बजे के बाद से 22 जनवरी के शाम 6 बजे तक कुल 247 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें 139 बच्चे सिजेरियन और 108 बच्चे नार्मल हुए। कुल बच्चों में 128 लड़के और 119 लड़कियां हैं। जिनके घर लड़का हुआ उन्होंने अपने लल्ले का नाम राम, रामचंद्र, रघुवर, रघुवीर, परुषोत्तम.. आदि रखा, वहीं जिनके घर लड़कियां हुई हैं वे जानकी, सीता, जगतजननी.. आदि कहकर बुलाएंगे।
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