राँची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में औचक छापेमारी,एक भी मोबाइल बरामद नहीं हुआ ! सिर्फ खैनी और कुछ समान मिला…

राँची।राजधानी राँची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में बुधवार की अहले सुबह सदर एसडीओ दीपक दुबे के नेतृत्व में छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान पुलिस अधिकारियों और जवानों ने जेल के अंदर प्रत्येक सेल की गहन तलाशी ली। इस दौरान कोई भी आपत्तिजनक सामान पुलिस के हाथ नहीं लगे।सिर्फ खैनी चुना और अन्य कुछ समान बरामद हुई है। छापेमारी के दौरान जेल में कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया था। इस दौरान मौके पर सिटी एसपी शुभांशु जैन,सिटी डीएसपी दीपक कुमार कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय,सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार,साइबर डीएसपी यशोधरा समेत कई थाना प्रभारी एवं 100 से ज्यादा जवान शामिल रहे।

सिटी एसपी और एसडीएम के नेतृव में पुलिस प्रशासन की टीम सुबह तीन बजे पूरे तामझाम के साथ बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार पहुंच गई थी और सुबह करीब 6 बजे टीम बाहर निकल आई। छापेमारी में शहर के चार डीएसपी, दस थानेदार समेत 100 से ज्यादा बल शामिल थे।जेल के अंदर पुलिस के द्वारा वैसे सभी कुख्यात अपराधियों के सेल को खंगाला गया, जो जेल के अंदर से ही अपने गैंग को नियंत्रित कर रहे हैं।इस दौरान चंदन सुनार, लव कुश शर्मा जैसे अपराधियों के सेल को भी खंगाला गया, लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा। लव कुश शर्मा पर पिछले सप्ताह कैदी वाहन में ही हमला हुआ था।ऐसे में उसके प्रतिद्वंदी गिरोह के अपराधियों के सेल की अच्छी तरह से तलाशी ली गई।वहीं जेल में छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मियों को भी लगाया गया था।जेल में बंद महिला कैदियों के वार्ड की महिला पुलिसकर्मियों ने गहनता से तलाशी ली।

जेल के अंदर से ही आधा दर्जन से अधिक बड़े अपराधी अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं। वे धड़ल्ले से जेल के अंदर से ही फोन करते हैं और लोगों से रंगदारी की डिमांड करते हैं लेकिन जब भी पुलिस की टीम छापेमारी करती है कोई फोन उन्हें हासिल नहीं हो पाता है।पुलिस के आने की सूचना जेल में पहले से ही मिल जाती है। जिसके बाद सभी मोबाइल फोन को छुपा दिया जाता है।जेल के अंदर छापेमारी के लिए जाने का प्रोसेस इतना जटिल है कि उतने ही समय में सभी कैदी सतर्क हो जाते हैं,नतीजा पुलिस हर बार खैनी और छुरी जैसे सामान जब्त कर वापस आ जाती है।

बता दें झारखण्ड में ईडी और आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद कई लोगों पर शिकंजा कस रहा है। झारखण्ड के मनी लाउंड्रिंग केस के कई प्रमुख आरोपी भी इसी जेल में बंद हैं। मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, प्रेम प्रकाश उर्फ पीपी और बच्चू यादव इस समय इसी जेल में बंद हैं। जेल में छापेमारी के पीछे सबसे बड़ी वजह होती है मोबाइल फोन। यह पहली बार नहीं जब बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में छापेमारी हुई है। इससे पहले भी दिसंबर 2022 में छापेमारी हुई थी।राँची के साथ- साथ धनबाद और हजारीबाग स्थित जेलों में बंद गैंगस्टर्स मोबाइल-सेलफोन के जरिए गिरोह ऑपरेट करने की खबर आयी थी। इसके बाद छापेमारी की गयी थी।होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के भीतर 150 से भी ज्यादा मोबाइल सिम एक्टिव पाए गये थे।पुलिस मुख्यालय ने जेल के भीतर सक्रिय सिमकार्ड नंबर, व्हाट्सएप नंबर, आइईएमईआई नंबर और वर्चुअल नंबर के ब्योरे के साथ ये रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी।