तीन दिन पहले जन्मे बेटे का मुंह भी नहीं देख पाए सब-इंस्पेक्टर अमित तिवारी,नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद…..
पलामू।झारखण्ड पुलिस के 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर अमित कुमार तिवारी चाईबासा में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। अमित कुमार तिवारी पलामू के रेहला थाना क्षेत्र के तोलरा के रहने वाले थे। अमित तिवारी के शहीद होने की खबर मिलने के साथी पूरे गांव में मातम छा गया है। क्षेत्र में सन्नाटा प्रसर गया है।कल तक जहां बेटा होने की खुशी परिवार में था आज मातम पसरा हुआ है।अमित तिवारी के तीन दिन पहले बेटे ने जन्म लिया था।तीन दिन बाद पिता शहीद हो गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार लगभग तीन दिन पहले अमित कुमार तिवारी के बेटे ने जन्म लिया है। शहीद होने की खबर मिलने के बाद पलामू से परिजन चाईबासा और राँची के लिए रवाना हो गए है।अमित कुमार तिवारी के पिता देवेंद्र कुमार तिवारी पेशे से किसान हैं।चाचा निरंजन कुमार तिवारी भी पुलिस इंस्पेक्टर हैं। झारखण्ड में ही तैनात है।अमित कुमार तिवारी के परिवार में कई सदस्य पुलिस सेवा में हैं।
अमित कुमार तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा पलामू से हुई और वह जीएलए कॉलेज के छात्र रहे। पुलिस सेवा में भर्ती होने के बाद अमित कुमार खूंटी के तोरपा, कर्रा, पाकुड़ के मुफस्सिल में थाना प्रभारी रहे। कुछ महीने पहले उनकी जगुआर में प्रतिनियुक्ति हुई थी।झारखण्ड जगुआर में प्रतिनिधि के बाद में चाईबासा में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात थे।
गांव के लोगों ने बताया कि अमित कुमार तिवारी काफी मिलनसार प्रवृत्ति के थे और इलाके में उनकी एक मददगार छवि भी थी। जानकारी के अनुसार नक्सल विरोधी अभियान से जवान लौट रहे थे, इसी क्रम में नक्सलियों ने फायरिंग कर दी थी।इस घटना में अमित कुमार तिवारी और एक अन्य जगुआर का जवान गौतम कुमार मौके पर ही शहीद हो गए है।
सोमवार को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी।जिसमें एसआई अमित तिवारी और हलवदार गौतम कुमार शहीद हो गए।नक्सली हमले में शहीद हुए इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार का पोस्टमार्टम चाईबासा में या राँची में पोस्टमार्टम होगा। पोस्टमार्टम के बाद दोनों के पार्थिव शरीर को झाखण्ड जगुआर के मुख्यालय लाया जाएगा। जहां मुख्यमंत्री सहित तमाम पुलिस अधिकारी दोनों शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पण करेंगे।