साहेबगंज:मोबाइल चोरी के आरोप में नाबालिग को घर से उठाकर ले गया,ग्रामीण अपने स्तर से सजा देने पर अड़ा था,पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद नाबालिग को ग्रामीणों से छुड़ाया
साहेबगंज।झारखण्ड के साहेबगंज जिले में एक नाबालिग भीड़तंत्र की बलि चढ़ने से बच गया है।ये घटना मिर्जाचौकी थाना क्षेत्र के बरतल्ला गांव में एक नाबालिग को मोबाइल चोरी के आरोप में 24 घंटे से ज्यादा समय तक बंधक बनाकर रखा गया। इतना ही नहीं,इस दौरान उसकी जमकर पिटाई भी गई। जब पुलिस को इसकी सूचना मिली तो युवक को ग्रामीणों से छुड़ाने में पुलिस के भी पसीने छूट गए। काफी मशक्कत और मान-मनौव्वल,समझदारी से पुलिस ने नाबालिग को ग्रामीणों से बचाकर थाने ले गई है।
बताया गया कि घटना से ग्रामीण काफी नाराज थे। वे इस मामले में कानूनी सजा की जगह पंचायत का फरमान जारी करना चाहते थे।इसके लिए बरतल्ला के प्रधान संजी हेंब्रम ने पुलिस चौकी के बजाय गांव की पंचायत बैठाकर आदिवासी ढंग से युवक को सजा देने की काफी कोशिश की। हालांकि,पंचायत में देरी और दो पुलिस पदाधिकारी के समझाने के बाद ग्रामीण मान गए।
मिली जानकारी के मुताबिक बरतल्ला गांव के ग्रामीण पड़ोस के ही महादेववरण गांव के एक नाबालिग युवक को मोबाइल चोरी के आरोप में गांव से उठाकर बरतल्ला ले आए थे और मारपीट कर रहे थे। परेशान नाबालिग की माँ सुनीता देवी मिर्जाचौकी थाने पहुंचकर बेटे को बचाने की गुहार लगाने लगी। उसने बताया कि बरतल्ला के एक दर्जन से ज्यादा युवक उनके बेटे को घर से उठाकर ले गए हैं और उसके साथ मारपीट कर रहे हैं।नाबालिग माँ के द्वारा थाना में आवेदन मिलते ही थाना प्रभारी अशोक प्रसाद ने सब इंस्पेक्टर कृष्णा मुंडा को बच्चे को छुड़ाने की जिम्मेदारी दी। पुलिस के पहुंचने के बाद गांव वाले नहीं माने और पुलिस को वापस लौटना पड़ा।आज मंगलवार सुबह एएसआई सोलाय सुंडी और सत्येंद्र प्रसाद को दल बल के साथ युवक को छुड़वाने भेजा गया। लंबे समय तक बातचीत के बाद ग्रामीण बच्चे को छोड़ने के लिए तैयार हुए।उसके बाद पुलिस नाबालिग को लेकर थाना आए।