#राँची पुलिस:एक पुलिस वाले पिछले करीब 11 वर्षों से एक ही जिले में जमे हुए हैं,इस दौरान राँची में छह एसएसपी आये और उनका कार्यकाल पूरा हो गया,लेकिन इस पुलिसवाले का राँची से कभी तबादला नहीं हुआ? आखिर राज क्या है?
राँची।सिपाही से एएसआइ रैंक में प्रोन्नति पाने वाले एएसआइ शाह फैसल का राँची के सभी एसएसपी के करीबी होने का राज क्या है? शाह फैसल पिछले करीब 11 वर्षों से एक ही जिले में जमे हुए हैं।इस दौरान राँची में छह एसएसपी आये और उनका कार्यकाल पूरा हो गया, लेकिन शाह फैसल का राँची से कभी तबादला नहीं हुआ। इस दौरान जितने भी एसएसपी आये शाह कभी उनके बॉडीगार्ड के रूप में तो कभी क्यूआरटी टीम या फिर टेक्निकल में तैनात रहे है।
कई SSP आये और गये, लेकिन शाह फैसल एक ही जिले में जमे हैं:-
मिली जानकारी के अनुसार शाह फैसल झारखण्ड पुलिस के 2005 बैच के सिपाही हैं।साल 2009 में शाह फैसल की पोस्टिंग राँची जिले में हुई उस समय राँची के एसएसपी दिवंगत प्रवीण सिंह थे. उनके बाद साकेत कुमार सिंह, भीमसेन टूटी, प्रभात कुमार, कुलदीप द्विवेदी और अनीश गुप्ता राँची के एसएसपी बने।छह एसएसपी का राँची से तबादला हुआ लेकिन शाह फैसल राँची एसएसपी ऑफिस में ही जमे हुए हैं,आखिरकार यह सवाल उठता है कि राँची के सभी एसएसपी से शाह फैसल के करीबी होने का क्या राज है।आखिर क्यों शाह फैसल का तबादला नहीं हो रहा है और वह एक ही जगह पर जमे हैं।
गौ तस्करों से लेकर सभी तरह के अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों से मोटी रकम वसूली करने का आरोप:-
एएसआई शाह फैज़ल है और वर्तमान में राँची एसएसपी के गोपनीय शाखा में संचालित टेकनिकल सेल में पदस्थापित है। यह पिछले 11 वर्ष राँची में पदस्थापित है।एसएसपी का अंगरक्षक रहा है. तत्कालीन राँची एसएसपी श्री प्रभात कुमार के साथ खूँटी के ईलाके में हुई नक्सली मुठभेड़ की घटना में इन्हें भी कमर में गोली लगी थी जिसके कारण इन्हें भी गैलेन्ट्री अवार्ड मिला और अब ये एएसआई के पद पर राँची जिला में कार्य कर रहे।इनके ऊपर आरोप है की पूर्व में एसएसपी अनीश गुप्ता को छोड़ कर पूर्व के सभी एसएसपी के निकट रहने का अनुचित लाभ उठा कर राँची जिला के लगभग सभी तरह के अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों और अपराधियों से हमेशा मोटी रकम वसूल करता रहा है। केवल अवैध पशु की तस्करी में शामिल लोगों से प्रति वाहन 5000 रुपये की वसूली इसके द्वारा की जा रही है।
आज ही एक अखबार में छपी खबर अनुसार शुक्रवार को एसआईटी के एक जमादार ने थानेदार समेत कई पुलिसकर्मियों को जमकर हड़काया। जमादार बार-बार पुलिसकर्मियों से पूछ रहा था कि नकली शराब के कारोबारियों में कौन-कौन थाना के पुलिस कर्मी शामिल है। लेकिन थानेदार पूछने वाले जमादार को ज्यादा नहीं बोल पा रहे थे क्योंकि जमादार राँची के पुलिस कप्तान का बहुत करीबी है। राँची जिला में पदस्थापित ज्यादातर थानेदारों कि यह बार-बार शिकायत रहती है कि जमादार आए दिन उनके साथ बदसलूकी करता है और उन्हें परेशान करता है। लेकिन थानेदारों की या परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है।ऐसे ही बहुत शिकायतें है।आप पहचान ही गए होंगे आखिर कौन है जमादार या एएसआई ?
निर्वाचन आयोग के आदेश का भी नहीं हुआ पालन:-
झारखण्ड विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने राज्य के अलग-अलग जिलों में तीन साल से जमे पुलिसकर्मियों और पुलिस अधिकारियों को हटाने का निर्देश दिया था जो चुनाव कार्य में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं.आदेश के बाद राज्य के अलग-अलग जिले में जमे तीन वर्ष या उससे अधिक समय से पुलिसकर्मियों और पुलिस अधिकारियों का तबादला भी किया गया, लेकिन राँची जिला में लंबे समय से पदस्थापित शाह फैसल का तबादला नहीं किया गया. शाह का तबादला न करके निर्वाचन आयोग के आदेश का भी पालन नहीं किया गया।
सौजन्य:NW