#RANCHI:सस्ता सामान दिलाने का झांसा देकर कोकर के दो व्यवसायियों से 48 लाख की चपत,पुलिस मामले की जांच में जुटी है..
राँची।कोकर के दो व्यवसायियों को सस्ता सामान दिलाने का झांसा देकर पहले दोस्ती की और फिर 48 लाख रुपए की चपत लगाकर जालसाज फरार हो गया।व्यवसायियों ने रविवार रात जालसाज सोनू के खिलाफ सदर थाने में केस दर्ज कराया है। भुक्तभोगियो में कोकर चौक के हार्डवेयर दुकान संचालक रमेश अग्रवाल और दवा कारोबारी विनोद है। रमेश अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन से पहले सोनू सैनेट्रीवेयर्स लेने उनकी दुकान में आया था।खुद को इरवा निवासी बताते हुए कहा था कि वह दवा के होलसेल का व्यवसाय करता है। कोलकाता से वह सस्ती दवा समेत प्लंबिंग,सेनेटरी वेयर के सामान भी कम कीमत में दिलवा सकता है।रमेश ने यह बात अपने दवा व्यवसाई दोस्त विनोद को बताई।दोनों व्यपारी को ऐसा झांसे में लिया कि दोनों समझ ही नहीं पाया कि जो व्यक्ति सस्ता समान दिलवाने के बात कर रहा है कितना बड़ा ठग है।
रमेश अग्रवाल और लालपुर के दवा व्यवसायी विनोद उसके झांसे में आ गये।बातचीत के कुछ दिनों बाद शहर में लॉकडाउन लग गया।इसलिए दोनों व्यवसायी चुप हो गये।अनलॉक वन के दौरान फिर उनकी बातचीत हुई।रविवार को दोनों व्यवसायियों ने सोनू जायसवाल को बुलाया और सामान दिलाने की बात कही।सोनू अपने साथ एक और व्यक्ति को लेकर आया।व्यवसायियों को सोनू को रुपये देना था।लेकिन रमेश अग्रवाल ने कहा कि हम कैसे विश्वास कर लें , सोनू जायसवाल ने उन्हें विश्वास दिलाया कि सामान डिलेवरी के बाद पैसा देना है। बातचित में ही सोनू ने पैंतरा बदला और कहा अभी लॉकडाउन चल रहा है बाद में चलेंगे इसलिए हमें छोड़ दें बुटी मोड़।कार में 48 लाख रुपये एक थैला में रखा हुआ था। बारिश हो रही थी सोनू जायसवाल ने कहा कि मेरी कार बूटी मोड़ के पास मोड़ पर खड़ी है वहां तक छोड़ दें।जिस कार से में रुपये रखे थे , उसी से रमेश अग्रवाल द ने उन्हें बूटी मोड़ छोड़ दिया। फिर सोनू अग्रवाल ने उन्हें दोबारा फोन किया कि उनकी क गाड़ी खराब हो गयी है , इसलिए मेदांता अस्पताल तक छोड़ दें।फिर दोबारा मेदांता छोड़ने के दौरान ही उनलोगों ने 48 लाख रुपये रखा थैला उड़ा लिया।पता तब तब चला जब वे कोकर स्थित अपनी ने दुकान पहुंचे , तो रुपये गायब होने की जानकारी हुई ।इसके बाद उन्होंने सदर , थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी।मामले की जानकारी पुलिस को देते हुए मामले में प्राथमिकी दर्ज कराया। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से पुलिस लगातार मामले की जांच कर रही है और आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाकर पैसा बरामदगी का प्रयास कर रही है।