Ranchi:9वीं पास झांसी के ठग संदीप ने सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर नेशनल लेबल के दो एथलीटों के साथ किया ठगी,फर्जी लेटर देकर भेजा था,बकाया पैसे लेने आया तो पुलिस ने दबोचा
राँची।सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना राँची के नामकुम थाना क्षेत्र से गिरफ्तार हुआ है। गिरफ्तार ठग संदीप सिंधु (26) उत्तर प्रदेश के झांसी का रहने वाला है। नौवीं पास संदीप सिंधु सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर कई युवकों को ठग चुका है। आरोपी संदीप सिंधु ने पंजाब अमृतसर के दो नेशलन लेबल पर पद जीत चुके एथलीट सुखविंदर सिंह (21) और जगरूप सिंह (21) को आर्मी का फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर देकर मेडिकल कराने के लिए नामकुम स्थित आर्मी कार्यालय भेजा था। जब दोनों नामकुम आर्मी कार्यालय पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उन्हें फर्जी लेटर दिया गया है। इसके बाद दोनों ने आर्मी इंटेलीजेंस से संपर्क किया। फिर आर्मी इंटेलीजेंस ने नामकुम थाना प्रभारी प्रवीण कुमार के साथ मिलकर आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। आरोपी संदीप सिंधु को बकाया राशि देने के लिए दोनों पीडि़तों से फोन कर राँची बुलवाया गया। जैसे ही संदीप सिंधु नामकुम सुखविंदर और जगरूप से पैसे लेने के लिए पहुंचा, नामकुम पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को आरोपी संदीप को पुलिस ने जेल भेज दिया। वहीं ठगी के शिकार दोनों युवकों से राँची में आर्मी इंटेलीजेंस के अधिकारी अभी पूछताछ कर रहे है कि उसने कितने युवकों को ठगी का शिकार बनाया है। ठगी के शिकार दोनो युवक नेशनल लेबल के एथलीट है और मेडल भी जीत चुके है।
ट्रेन में आर्मी भर्ती में जाने वाले युवकों को संदीप बनाता था शिकार
9वीं पास संदीप सिंधु बहुत ही शातिर है। वह ट्रेन में सफाई करवाने का काम करता था। जुलाई से नवंबर 2020 तक वह हमसफर एक्सप्रेस में काम कर रहा था। इसी दौरान ट्रेन से सेना में बहाली में जाने वाले युवकों की वह तलाश में रहता था। उसे ट्रेन में ही सुखविंदर सिंह और जगरूप सिंह मुलाकात हुई। दोनों को संदीप ने झांसा दिया कि वह कई आर्मी के अधिकारियों को जानता है। वह उनकी नौकरी सेना में लगवा देगा। सेना में सोल्जर जनरल ड्यूटी की नौकरी दिलाने की बात हुई। संदीप ने कहा कि इसके लिए दोनों को छह छह लाख रुपए देने होंगे। सुखविंदर व जगरूप दोनों को नौकरी की सख्त जरूरत थी इसलिए दोनों तैयार हो गए।
रिश्तेदारों के खातों में पैसे मंगवाता था संदीप
संदीप पैसे अपने रिश्तेदारों के खाते में मंगवाता था। संदीप ने सुखविंदर से 27 मई 2021 को 99 हजार रुपए अपने भाई राजीव सिंधु के खाते में ट्रांसफर करवाए। फिर 28 मई को 40 हजार, एक जुलाई को 30 हजार, 21 जुलाई को 50 हजार मंगवाए। फिर संदीप ने अपने दोस्त अमन चंदरिया के गूगल पे पर पांच मई को 20 हजार, 30 मई को 10 हजार, 29 अगस्त को 40 हजार रुपए मंगवाए। संदीप ने 30 हजार इन लोगो से कैश कुल 3 लाख 19 हजार रुपए बहाली के नाम पर ले लिए। वहीं जगरूप ने उसे उसके बड़े भाई सोनू सिंधु के खाते में 15 दिसंबर 2020 को 59400 रुपए, मझले भाई की पत्नी जानकी सिंधु के खाते में 27 मई को 15 हजार, 3 जुलाई को गूगल पे पर 20 हजार, संदीप के दोस्त देवेंद्र सिंह के पीएनबी खाते में 9 अगस्त को 50 रुपए भेजे। इससे पहले जगरूप ने उसे 60 हजार कैश और उसके दोस्त के गूगल पे पर 49000 दिए थे। जगरूप ने संदीप को कुल 3 लाख 88 हजार 400 रुपए दिए।
सुखविंदर सिंह और जगरूप सिंह दोनों है एथलीट, 6वें नेशनल लेवल चैंपियनशिप में जीत चुके है मेडल
सुखविंदर और जगरूप दोनों दोस्त है। दोनों एथलीट (धावक) है। 2019 में आयोजित 6वें नेशनल लेवल चैंपियनशिप ने सुखविंदर ने 200 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल जीत चुका है। सुखविंदर ने बताया कि उसके पिता का निधन हो चुका है। उसकी एक बहन है। जिसकी शादी करनी है। इसलिए नौकरी की उसे सख्त जरूरत है। वहीं जगरूप ने बताया कि उसके पिता किसान है। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उसे नौकरी की सख्त जरूरत थी। इसलिए वह संदीप सिंधु के झांसे में आ गया।