धनबाद:रेलवे अस्पताल में अधिकारी की पत्नी को चप्पल खोलने कहा तो साहब ने कर्मचारी के कपड़े उतरवाकर दी सजा…..

–मानसिक तौर पर पड़ा सजा का गंभीर असर,अस्पताल में भर्ती,मंडल रेल अस्पताल के कर्मियों ने किया कामकाज ठप……

धनबाद।झारखण्ड के धनबाद में डीआरएम स्तर के अधिकारी के रिश्तेदार को अस्पताल में चप्पल-जूते खोलकर प्रवेश करने के लिए कहा गया तो परिजन नाराज हो गये। तुरंत कर्मचारी की शिकायत कर दी। अपनी पद के ठसक में अधिकारी ने उसे दफ्तर बुलाया और कपड़े उतरवाकर दफ्तर के बाहर खड़ा रखा जिससे कर्मचारी मानसिक तौर पर इतना परेशान हो गया कि उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

यह मामला धनबाद मंडल रेल अस्पताल का है। अधिकारी ने मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट को फोन लगाकर अस्पताल कर्मी को तुरंत अधिकारी के सामने डीआरएम कार्यालय में लाने का फरमान दिया। सजा के बाद उसकी हालत इतनी खराब हो गयी कि हालत बिगड़ते देख डीआरएम कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अस्पताल कर्मी वसंत उपाध्याय को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।वहीं रेल अधिकारियों के इस तानाशाही रवैया के खिलाफ शुक्रवार को मंडल रेल अस्पताल के कर्मियों ने कामकाज ठप कर हड़ताल पर चले गए।

इधर,हड़ताल की सूचना पाकर रेलवे के वरीय अधिकारी आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे। जहां वस्तु स्थिति को संभालने का प्रयास किया गया और आउटडोर के मरीजों का इलाज शुरू करने का प्रयास किया। परंतु अस्पताल कर्मी अपने सहकर्मी बसंत उपाध्याय की बेइज्जती से काफी नाराज थे। उन्होंने प्रबंधन की बात नहीं मानी।

अस्पताल कर्मी की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। मालूम हो कि गुरुवार को डीआरएम कमल किशोर सिन्हा की पत्नी रेलवे अस्पताल में दंत रोग विशेषज्ञ से चेकअप कराने आई थी। उनके चेंबर के बाहर खड़ा अस्पताल सहायक बसंत उपाध्याय ने डीआरएम की पत्नी को नहीं पहचाना और उन्हें चप्पल खोल कर अंदर जाने की बात कही। कर्मचारी की यही बात मैडम को नागवार गुजरा। वापस लौट कर उन्होंने डीआरएम को मामले की जानकारी दी।