Ranchi:अंबा प्रसाद के विधायक प्रतिनिधि की हत्या में निशि पांडेय की भूमिका संदिग्ध,सीआईडी ने हत्या की आपराधिक साजिश रचने के मामले में निशि पांडेय पर कार्रवाई की सिफारिश की है…

राँची।झारखण्ड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद के विधायक प्रतिनिधि बितका बाउरी की हत्या में निशि पांडेय की भूमिका संदिग्ध है। सीआईडी ने हत्या की आपराधिक साजिश रचने के मामले में निशि पांडेय पर कार्रवाई की सिफारिश की है। निशि पांडेय कोयलांचल के पांडेय गिरोह के सरगना किशोर पांडेय (अब मृत) की पत्नी हैं। फिलहाल निशि पांडेय राजनीतिक दल भारतीय जनतंत्र मोर्चा से जुड़ी हैं। बितका बाउरी की हत्या 25 फरवरी 2023 को तीन अज्ञात बाइक सवार अपराधियों द्वारा की गई थी।

इधर सीआईडी एसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा है कि निशि पांडेय और जेल में बंद विकास तिवारी द्वारा संचालित पांडेय गिरोह के द्वारा सुनियोजित षड्यंत्र के तहत बितका बाउरी की हत्या की गई थी।रामगढ़ जिले में पतरातू के खादान क्षेत्रों में निशि पांडेय और विकास तिवारी द्वारा कोयले के पूरे कारोबार को नियंत्रित किया जाता है,जिसका विरोध स्थानीय विधायक व कार्यकर्ताओं के द्वारा किया जाता है। मृतक बितका बाउरी स्थानीय विधायक के प्रतिनिधि थे एवं सौंदा बस्ती संघर्ष फाउडेशन नाम की संस्था बनाकर कोयले के अवैध व्यवसाय का विरोध किया करते थे। पांडेय गिरोह इसे अपने वर्चस्व की चुनौती के तौर पर देखता था। सीआईडी रिपोर्ट में जिक्र है कि वर्तमान में भी टेलीग्राम एप के जरिए विकास तिवारी व निशि पांडेय गिरोह का संचालन कर रहे हैं। 13 फरवरी 2023 को पतरातू बस्ती में बैठक कर बितका बाउरी को मारने की योजना बनायी गई थी।

सीआईडी की जांच में बताया गया है कि स्थानीय पुलिस निशि पांडेय के खिलाफ कार्रवाई से हिचकती है। मृतक की पत्नी के द्वारा घटना के दिन निशि पांडेय, विकास तिवारी समेत सात लोगों को नामजद करते हुए ओपी प्रभारी भुरकुंडा को आवेदन दिया गया था। लेकिन भुरकुंडा पुलिस ने मृतक के भाई के बयान पर अज्ञात लोगों पर एफआइआर दर्ज की। सीआईडी ने डीजी को लिखे पत्र में लिखा है कि यह जांच का विषय है कि भुरकुंडा ओपी ने आवेदन लेने के बाद भी मृतक की पत्नी के बयान पर अगला नामजद केस क्यों नहीं दर्ज किया। सीआईडी जांच में लिखा है कि स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर पांडेय गिरोह के अन्य सदस्यों को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया जा सकता है तो निशि पांडेय को भी कांड में अप्राथमिक अभियुक्त बनाना उचित प्रतीत होता है। जांच के समय तक घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी और डीवीआर जब्त नहीं करने की बात भी सीआईडी एसपी ने लिखी है। सीआईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में अनुशंसा की है कि निशि पांडेय व उनके सभी गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।

बता दें बितका हत्याकांड की जांच अब एटीएस के द्वारा की जा रही है। एटीएस ने अबतक इस हत्याकांड में बादल लोहरा, गोविंद कुमार लुल्हा, अजीत मुंडा, सुभाष कुमार सिंह उर्फ बाघा सिंह, मो इरफान, अशोक महतो, नुरुद्दीन हसन, अनिल कुमार यादव, विकास तिवारी पर चार्जशीट की है। वहीं 17 अप्राथमिक अभियुक्त अजीत मुंडा, गोविंद, बादल लोहरा, सुभाष कुमार सिंह, मो इरफान, सुनील धोबी, जानकी साव, अनिल यादव, पवन ठाकुर, संदीप ठाकुर, विक्की सिंह, मो नुरुद्दीन हसन, अशोक महतो, राजकुमार महतो, विकास तिवारी, विकास साव, बबत ठाकुर की भूमिक हत्याकांड में सत्य पायी गई है। आठ अप्राथमिक अभियुक्त निशि पांडेय, दयानंद प्रसाद, छोटू साव, निशांत सिंह, गजानन प्रसाद, बबलू यादव, नेपाल यादव, ललन प्रसाद के खिलाफ एटीएस साक्ष्य जुटाने में लगी है