बाबूलाल मरांडी के बेटे का हत्यारा 11 लाख का ईनामी नक्सली कमांडर सिद्धू कोड़ा की पुलिस हिरासत में मौत.
राँची: दुमका से गिरफ्तार हुए 11 लाख के ईनामी नक्सली कमांडर सिद्धू कोड़ा की पुलिस की हिरासत में मौत हो गई.बता दें कि उसे पटना एचडी अपने दुमका पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया था. सिद्धू कोड़ा को लेकर एसटीएफ कि टीम जमुई में छापेमारी कर रही थी.इसी दौरान जंगल में सिद्धू कोड़ा के पेट और छाती में दर्द की शिकायत कि,उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. सिद्धू कोड़ा पर झारखंड सरकार ने एक लाख का ईनाम घोषित किया था और बिहार सरकार ने 10 लाख ईनाम घोषित कर रखा था.नक्सली कमांडर सिद्धू कोड़ा जमुई जिले के चकाई का रहने वाला था.
बिहार की एसटीएफ टीम ने दुमका से किया था गिरफ्तार:-
बिहार एसटीएफ की टीम ने दुमका पुलिस के साथ मिलकर दुमका से नक्सली कमांडर सिद्धू कोडा को नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया था.मिली जानकारी के मुताबिक, गुप्त सूचना के आधार पर बिहार एसटीएफ ने दुमका पुलिस का सहयोग लेकर शहर से सटे इलाके में शुक्रवार की देर रात सिद्धू कोडा को गिरफ्तार किया था. सिद्धू कोडा की गिरफ्तारी बिहार के जमुई जिले में तीन दिन पहले गिरफ्तार हुए नक्सली की निशानदेही पर की गई थी. जानकारी मिली थी कि सिद्धू कोडा लेवी की रकम वसूलने के लिए दुमका जानेवाला था. इसी क्रम में उसे नाटकीय अंदाज में धर दबोचा गया.सिद्धू कोडा के खिलाफ दुमका-पाकुड जैसे उग्रवाद प्रभावित जिले में मामला दर्ज नहीं है.हालांकि, संताल परगना से सटे बिहार के इलाकों में कई कांडो में उसकी संलिप्तता रही है. लेवी की रकम वसूलने के लिए सुरक्षित ठिकाने के रूप में सिद्धू कोडा ने दुमका को चुना था.
गिरिडीह और जमुई इलाके से नक्सली गतिविधियां कम होने संभावना:-
स्पेशल एरिया कमेटी के सचिव और नक्सली कमांडर सिद्धू कोडा का दस्ता बिहार के जमुई और जिले की सीमा से सटे झारखंड के गिरिडीह जिले में काफी सक्रिय रहा है.जोनल कमांडर सिद्धू कोडा की मौत से जमुई और गिरिडीह इलाके से नक्सली गतिविधियां में कमी आने की संभावना जताई जा रही हैं. बताया जाता है कि सिद्धू कोडा का दस्ता जमुई जिले के चकाई थाना क्षेत्र के तेलंगा, मंझलाडीह, गुरुडबाद बरामोरिया, बोंगी, पोझा के इलाकों में सक्रिय है. साथ ही जिले से सटे झारखंड के सीमावर्ती जिला गिरिडीह के भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के पहाडी और जंगली इलाकों में सक्रिय है. दो राज्यों के सीमावर्ती पहाड़ों और जंगलों में सक्रिय होने के कारण वारदात को अंजाम देकर दूसरे राज्य में प्रवेश कर जाने के कारण नक्सली जोनल कमांडर पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था.
बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप मरांडी की हत्या में शामिल था नक्सली कोड़ा
नक्सली सिद्धू कोड़ा झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप मरांडी की हत्या के साथ ही सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट हीरा झा की हत्या में भी शामिल रहा है। शनिवार की रात बिहार के जमुई में पटना की एसटीएफ सिद्धो कोड़ा को लेकर छापेमारी कर रही थी। इसी दाैरान उसके पेट और सीने में दर्द हुई। इलाज के दाैरान उसकी मृत्यु हो गई।