काशी में महादेव का आशीर्वाद लेकर बोले मोदी- 370 हो या CAA, हर फैसले पर कायम सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे. प्रधानमंत्री सबसे पहले जंगमबाड़ी मठ पहुंचे और पूजा-अर्चना की. उन्होंने श्री जगद्गुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में भी भाग लिया और 19 भाषाओं में श्री सिद्धांत शिखमणी ग्रंथ के अनुदित संस्करण और इसके मोबाइल एप्लिकेशन का विमोचन किया. इस दौरान उनके साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा भी मौजूद थे. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे.
प्रधानमंत्री ने वाराणसी के इस एक दिवसीय दौरे पर 430 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पताल सहित 30 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन किया. मोदी ने एक वीडियो लिंक के माध्यम से आईआरसीटीसी की ‘महाकाल एक्सप्रेस’ को भी हरी झंडी दिखाई. देश की पहली ओवरनाइट प्राइवेट ट्रेन तीन ज्योतिर्लिंग तीर्थ स्थलों-वाराणसी, उज्जैन और ओंकारेश्वर को जोड़ेगी.
अपने सभी फैसलों पर कायम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के चंदौली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दुनियाभर के तमाम दबावों के बाद भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर हम कायम थे और कायम रहेंगे. पीएम मोदी वाराणसी में कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मोदी चंदौली पहुंचे, जहां पर उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय की 63 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून, इन फैसलों का देश को सालों से इंतजार था. पीएम ने कहा, “महादेव के आशीर्वाद से देश आज वो फैसले ले रहा है जो पहले पीछे छोड़ दिए जाते थे…जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला हो या फिर सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट…वर्षों से देश को इन फैसलों का इंतजार था. देश हित में ये फैसले जरूरी थे…और दुनियाभर के सारे दबावों के बावजूद इन फैसलों पर हम कायम हैं और कायम रहेंगे.”
पीएम ने कहा कि आज वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल को लाभ पहुंचाने वाली करीब 1,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है. बीते 5 वर्षों में वाराणसी जिले में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्य या तो पूरे हो चुके हैं, या काम चल रहा है.
मोदी ने कहा कि आजादी के बाद लंबे कालखंड तक समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति की समस्याओं को बरकरार रखा गया क्योंकि उस समय की सरकारों को इन समस्याओं को सुलझाने में रूचि नहीं थी. इनको उलझाने में उनके राजनीतिक हित सिद्ध होते थे. लेकिन अब स्थितियां बदल रही है, देश बदल रहा है. जो अबतक आखिरी पायदान पर रहा है, उसे अब सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है.
स्वरोजगार के कुंभ में पहुंच गया हूं
एक काशी, रूप अनेक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि काशी में ये मेरा तीसरा कार्यक्रम है.सबसे पहले मैं अध्यात्म के कुंभ में था. फिर मैं आधुनिकता के कुंभ में गया, बनारस के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. अब मैं एक प्रकार से स्वरोजगार के कुंभ में पहुंच गया हूं. यहां भांति-भांति के कलाकार, शिल्पकार एक ही छत के नीचे हैं. एक-एक धागे को जोड़कर, मिट्टी के एक-एक कण को घटकर, बेहतरीन निर्माण करने वालों के साथ, दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को चलाने वाले, एक ही छत के नीचे बैठे हैं. सच में, काशी एक है, लेकिन उसके रूप अनेक हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि बदलती दुनिया, बदलते समय, बदलती मांग के अनुसार इन उत्पादों में भी ज़रूरी बदलाव करें. उन्होंने कहा कि इसके लिए इन पारंपरिक उद्योगों से जुड़े साथियों को ट्रेनिंग, आर्थिक मदद, नई तकनीक और मार्केटिंग की सुविधा देनी बहुत ज़रूरी है.