गुमला शहर के जाने माने सर्जन डॉक्टर सौरभ से पीएलएफआई के नाम से मांगी 50 लाख रुपये की लेवी,दो गिरफ्तार….

गुमला।झारखण्ड के गुमला शहर के जाने माने सर्जन डॉ सौरभ प्रसाद से नक्सली संगठन पीएलएफआई के नक्सलियों ने 50 लाख रुपये की लेवी की मांग की है।डॉ सौरभ की सूचना के बाद गुमला थाना की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो नक्सली तर्री फसिया निवासी श्रवण गोप और फसिया निवासी शिवा चीक बड़ाइक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इन दोनों के पास से पीएलएफआई का लेटर पैड और प्रिंटर मशीन भी जब्त किया गया है।

इस संबंध में एसडीपीओ मनीषचंद्र लाल ने बताया कि 31 अक्टूबर, 2022 को नक्सलियों ने पीएलएफआई के नाम से डॉ सौरभ प्रसाद द्वारा संचालित केयर एडवांस हॉस्पिटल, गोकुल नगर, गुमला के गेट में पोस्टर चिपकाया था। इसमें तत्काल 50 लाख रुपये लेवी की मांग किया गया। इसकी सूचना पुलिस को हुई।पुलिस ने मामले का अनुसंधान शुरू की।बताया कि कुछ दिन पहले श्रवण गोप जेल से जमानत पर बाहर निकला है। उसपर पहले से एक दर्जन केस दर्ज है।पुलिस ने श्रवण को हिरासत में लेकर पूछताछ किया, तो उन्होंने शिवा से मिलकर पोस्टर चिपकान और 50 लाख रुपये की लेवी मांगने की जानकारी दी।इसके बाद पुलिस ने श्रवण के साथ शिवा को पकड़कर जेल भेज दिया। ये दोनों नक्सली अन्य लोगों से भी लेवी मांगने की योजना बनाये थे।लेकिन, उससे पहले पुलिस ने दोनों को धर दबोचा।

एसडीपीओ ने बताया कि श्रवण गोप कुछ दिन पूर्व जेल से छूटा है।गुमला थाना सहित अन्य थाना में इसके खिलाफ 10 से 12 केस दर्ज है। सभी में इसने जमानत ले लिया है। उन्होंने बताया कि श्रवण गोप पूर्व में सक्रिय PLFI था।इसने 50 हजार रुपये का लोन लिया है। जिसकी भरपाई करने के लिए इसके पास पैसे नहीं था।इसलिए इसके पास पुराना एक लेटर पैड था।जिसकी फोटो कॉपी करवा कर इसने केयर एडवांस हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ सौरभ प्रसाद से 50 लाख की लेवी मांगी थी।उग्रवादी पर्चा का फोटो कॉपी श्रवण गोप ने फसिया निवासी शिवा चीक बड़ाइक के यहां कराया था।जिसे हिरासत में लेकर भी जेल भेजा गया। पुलिस ने शिवा चीक बड़ाइक के घर से एक प्रिंटर मशीन भी जब्त किया है।एसडीपीओ मनीषचंद्र लाल ने कहा कि ये लोग अन्य जगहों पर भी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। छापामारी में थानेदार विनोद कुमार, एसआई सुदामा राम, एसआई प्रेम सागर सिंह, एसआई अजय महतो, एसआई मोहम्मद मोज्जमिल, एसआई विवेक चौधरी सहित गुमला पुलिस के जवान शामिल थे।