जज हत्याकांड: बाबूलाल मरांडी का धनबाद एसएसपी पर बड़ा आरोप, एसएसपी को हटाने की मांग
राँची। झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री ने धनबाद एसएसपी पर बड़ा आरोप लगाया है। कहा है धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार को वहां से हटाये बिना न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले की सही जांच नहीं हो सकती है।बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर धनबाद एसएसपी संजीव कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें निलंबित करने की मांग की है।श्री बाबूलाल ने कहा है कि संजीव कुमार पहले पलामू के एसपी थे।वहां अपराधियों को बचाने में इनकी भूमिका सामने आयी थी। दो लोगों के अपहरण मामले में संजीव कुमार तत्कालीन एसपी की भूमिका संदेह के घेरे में है।धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत हत्या की एक साजिश लग रही है। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है और इसकी निष्पक्ष जांच सीबीआई ही कर सकती है।
बाबूलाल मरांडी ने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री जी आप झारखण्ड को किस दिशा में ले जा रहे हैं? पूरे सूबे की कानून व्यवस्था तार-तार हो रही है. धनबाद में जज उत्तम आनंद की षड्यंत्र के तहत की गई हत्या ने मौजूदा विधि-व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। एक अयोग्य पुलिस अफसर को धनबाद जैसे संवेदनशील जिले में पुलिस प्रमुख के पद पर तैनात किया जाएगा तो हत्या जैसे दिल दहलाने वाली घटनाओं पर कैसे काबू पाया जाएगा।
पलामू अपहरण मामले में संजीव कुमार की भूमिका संदिग्ध
बाबूलाल ने पत्र में लिखा कि 25 मई 2021 को औरंगाबाद का एक परिवार अपने बेटा-बहु से मिलकर छत्तीसगढ़ से पलामू के रास्ते औरंगाबाद लौट रहा था. उसमें एक सत्तर वर्षीय बुजुर्ग पिता, मां और ड्राइवर था. पलामू जिले के कांडाघाटी, थाना नावाबाजार इलाके में मां को छोड़कर बुजुर्ग पिता और ड्राइवर का अपहरण कर लिया गया. उन्हें छोड़ने के लिए अपहर्ताओं ने 60 लाख रुपये तक का डिमांड किया. 10 लाख में सौदा तय हुआ. परिजनों ने किसी तरह रुपये का इंतजाम किया. इसकी सूचना पुलिस को दी. फिर 9 जून की रात 9 बजे अभियान एसपी विजय शंकर और डीएसपी सुरजीत कुमार नवाबाजार और चैनपुर थाना की पुलिस के साथ परिवार के लोग अपहर्ताओं को पैसा देने के लिए गए. उम्मीद थी कि अपहरण किये गये लोगों को छुड़ा लिया जाएगा और अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अपहरण करने वाले 10 लाख रुपये ले गये। अपहरण किये गये लोगों को भी नहीं छुड़ाया जा सका और अपराधी भी चकमा देकर भाग निकले।
घटना के वक्त पलामू के एसपी थे संजीव कुमार
ये सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ।जबकि परिवार के लोगों ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि पैसा लेनेवाले अपहर्ताओं के दलाल को पकड़ लीजिए. लेकिन, अधिकारी नहीं माने और अपराधियों को जाने दिया. घटना हुए दो महीने से अधिक हो गए हैं. न बुजुर्ग पिता और ड्राइवर को ही पुलिस छुड़ा सकी है और न ही अपहरण करने वाले अपराधी ही पकड़े जा सके हैं. अभी तक अपहृत और न अपहरण करने वालों का कोई सुराग मिला है. पुलिस चाहती तो उसी दिन लोगों को छुड़ा सकती थी और अपराधियों को पकड़ सकती थी. तब पलामू के एसपी संजीव कुमार थे. ये उनकी असफलता और अकर्मण्यता का परिणाम कहा जा सकता है।
कार्रवाई के बजाय संजीव कुमार का हो गया प्रमोशन
बाबूलाल ने पत्र में लिखा आप ही बताइए मुख्यमंत्री जी कि इतने गंभीर मामले में तो वहां के एसपी संजीव कुमार पर आपको कठोर कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन इसके बदले ऐसे अयोग्य और नकारा पुलिस अधिकारी को पदोन्नति देते हुए धनबाद जैसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील जिले का एसएसपी बनाकर पदोन्नति कर दी। उन्होंने लिखा है कि धनबाद झारखण्ड की आर्थिक राजधानी माना जाता है। धनबाद आपराधिक घटनाओं के लिए कुख्यात माना जाता है। ऐसे अधिकारी को आप पदोन्नति देंगे तो अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा ही. इसलिए जज उत्तम आनंद हत्या मामले की निष्पक्ष जांच के लिए पहले धनबाद में पदस्थापित एसएसपी संजीव कुमार को वहां से हटाया जाए ताकि जज की मौत की जांच निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से हो सके।