JHARKHAND:उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ XLRI के प्लेटिनम जुबली समारोह में बोले,जमशेदपुर नवाचार व उद्यम का है प्रतीक
जमशेदपुर।भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रविवार को झारखंड पहुंचे।उपराष्ट्रपति बनने के बाद झारखण्ड के पहले दौरे पर उन्होंने जमशेदपुर के जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (एक्सएलआरआई) के प्लेटिनम जुबली समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जमशेदपुर नवाचार और उद्यम को परिभाषित करता है।यह संस्थान उसी का प्रतीक है।भारत आज तेज गति से विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है और यह बढ़त अजेय है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं।हमने यूके को पीछे छोड़ा है और अब जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ने वाले हैं। बैंक के अध्यक्ष के बयान का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि भारत ने डिजिटल क्षेत्र में पिछले एक दशक में जो करिश्मा किया है,वह 47 वर्षों में भी संभव नहीं था।इस अवसर पर झारखण्ड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन,संस्थान के अध्यक्ष टीवी नरेंद्रन, संस्थान के निदेशक फादर एस जॉर्ज, फॉदर डोनाल्ड डिसिल्वा, सुनील कुमार गुप्ता, आमंत्रित अतिथिगण, संस्थान के शिक्षक,छात्र-छात्राएं एवं कई अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों से आर्थिक राष्ट्रवाद को अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद विकसित भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि हमें अपने राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखना चाहिए। भारत का हित सर्वोपरि है। भारतीयता में हमारा विश्वास अटूट है। हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए।हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए। भारत की तकनीकी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज हमें लीक से हटकर सोचना पड़ेगा।आपके पास सीखने के लिए तकनीक हैं।कुछ ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिन पर चर्चा करते हैं तो लगता है दुनिया कितनी जल्दी बदल रही है। क्वांटम कंप्यूटिंग,मशीन लर्निंग के बारे में पता लगाइए क्या है ? हमारा देश इस क्षेत्र में काम कर रहा है। क्वांटम कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में हम काफी आगे जा चुके हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है।हमारे यहां जितना डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है, वह अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी के ट्रांजेक्शन से चार गुना से भी अधिक है।उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिभा का तो कोई मुकाबला ही नहीं है। हम टेक्नोलॉजी को सहज ही ग्रहण करते हैं। भारत का प्रति व्यक्ति इंटरनेट डाटा कंजप्शन अमेरिका और चीन के प्रति व्यक्ति इंटरनेट डाटा कंजप्शन से भी अधिक है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने ढाई साल में संसद के नाम नया भवन का निर्माण किया है।वह देखने लायक है।उसके अंदर की तकनीकी नजारा देखकर हम स्तब्ध रह जाते हैं।इतने विशाल भवन का निर्माण इतने कम समय में किसी भी देश के द्वारा आज तक संभव नहीं हुआ। उपराष्ट्रपति ने भारत की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया के शीर्ष दस कन्वेंशन सेंटर में से दो कन्वेंशन सेंटर भारत मंडपम और यशोभूमि आज भारत में मौजूद हैं।उन्हें भारत की बदलती तस्वीर का अंदाजा लगाया जा सकता है।