#jharkhand:टेरर फंडिंग मामले में ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया और नक्सली बीरबल गंझू की जमानत याचिका हाईकोर्ट से खारिज..

राँची।मगध और आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग के मामले में बुधवार को हाइकोर्ट में सुनवाई हुई।सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने टेरर फंडिंग के आरोपी नक्सली बीरबल गंझू और ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।इससे पूर्व में अदालत ने बहस पूरी होने पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।बुधवार को फैसला सुनाते हुए अदालत ने इस मामले में दोनों को जमानत देने से इंकार कर दिया।इस मामले की जांच एनआइए कर रही है।10 जनवरी को सुदेश केडिया को एनआइए ने किया था गिरफ्तार।चतरा के टंडवा स्थित मगध आम्रपाली कोल परियोजना से टेरर फंडिंग मामले में एनआइए ने पूरक चार्जशीट के दो आरोपी अजय एवं सुदेश केडिया को एनआइए ने 10 जनवरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।सुदेश केडिया पांच साल से कोयला व्यापार से जुड़े हैं।मध्यम वर्गीय परिवार से आनेवाले सुदेश केडिया कुछ साल पहले तक ट्रांसपोर्ट और मोटर पार्ट्स के व्यवसाय से जुड़े थे।कोयला व्यवसाय में आने के बाद उनके पास काफी पैसा आने की चर्चाएं होने लगीं।चतरा के टंडवा थाने में दर्ज प्राथमिकी 22/18 को एनआइए ने टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी।यह मामला सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय को लेकर लेवी वसूली से संबंधित है। एनआइए ने सीसीएल कर्मी सुभान खान सहित 14 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी।चार्जशीट में लिखा था कि टीएसपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध व आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया था।इसमें टीएसपीसी उग्रवादी आक्रमण जी ने अनुशंसा की थी और ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह को ठेका मिला था।इसमें मिली राशि का बड़ा हिस्सा टीएसपीसी को जाता था।

error: Content is protected !!