Jharkhand:मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने विधि विभाग के विशेष न्यायालय के गठन से संबंधित प्रस्ताव को दी मंजूरी,राज्य के 20 न्यायमंडलों में गठित किए जाएंगे विशेष न्यायालय
झारखण्ड मंत्रालय,राँची
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज वादों के त्वरित निवारण के लिए राज्य के 20 न्यायमंडलों में गठित किए जाएंगे विशेष न्यायालय
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने विधि विभाग के विशेष न्यायालय के गठन से संबंधित प्रस्ताव को दी मंजूरी
हजारीबाग,राँची, धनबाद और देवघर जिले में पहले ही गठित हो चुका है विशेष न्यायालय
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1988 की संशोधित धारा-14 (1) शक्तियों के अधीन दर्ज वादों के त्वरित निवारण के लिए रांची, हजारीबाग, धनबाद और देवघर को छोड़कर सभी न्यायमंडलों में विशेष न्यायालय गठित किए जाएंगे. उक्त चार जिलों में पहले से ही विशेष न्यायालय का गठन किया जा चुका है. इन न्यायमंडलों को छोड़कर अन्य 20 न्यायमंडलों में विशेष न्यायालय के गठन को लेकर विधि विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने मंजूरी दे दी है.
किस न्यायमंडल में कितने वाद हैं लंबित
राज्य के 24 न्यायमंडलों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कुल 1953 वाद लंबित हैं. इस साल 31 जुलाई तक बोकारो में 30, चतरा में 51, चाईबासा में 34, पलामू में 218, देवघर में 77, धनबाद में 321, दुमका में 46, गढ़वा में 138, गिरिडीह में 163, गोड्डा में 71, गुमला में 61, हजारीबाग में 208, जमशेदपुर में 39, जामताड़ा मे 42, खूंटी में 9, कोडरमा में 5, लातेहार मे 51, लोहरदगा में 27, पाकुड़ में 28, रामगढ़ में 58, रांची में 187, साहेबगंज में 60, सरायकेला में 24 और सिमडेगा में 5 वाद लंबित है।
झारखण्ड राज्य के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती के निधन पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष श्री सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का समेत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने प्रोजेक्ट भवन स्थित सभागार में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी।