Jharkhand:बूढ़ापहाड़ पर कई राज्यों के बड़े माओवादियों का जमावड़ा,नए कैडर को जोड़ने की कर रहे कोशिश
राँची।चर्चित बूढ़ापहाड़ पर कई राज्यों के बड़े माओवादियों का जमावड़ा लगा है और नए कैडर को जोड़ने की कोशिश कर रहे है। गौरतलब है कि बीते दिनों 25 लाख के इनामी नक्सली मिथिलेश मेहता की गिरफ्तारी के बाद मरकस बाबा उर्फ सौरभ को बूढ़ा पहाड़ की कमान मिली है। मरकस बाबा उर्फ सौरभ भाकपा माओवादी संगठन के बिहार, झारखण्ड,उत्तरी छत्तीसगढ़ के साथ साथ उत्तर प्रदेश कमिटी का सदस्य है। झारखण्ड सरकार ने मरकस बाबा पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। मरकस मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है और 2021 की शुरुआत से ही बूढ़ा पहाड़ इलाके में डेरा डाले हुए है।इसके साथ ही कमांडर मिथिलेश मेहता और नवीन यादव का सहयोग कर रहा था।
आधा दर्जन के करीब नक्सली बाहर के राज्यों से पंहुचे हैं
सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में माओवादियों को काफी नुकसान हुआ है।जिसके बाद माओवादी बूढ़ापहाड़ पर बैठक कर रहे हैं।इस बैठक में आधा दर्जन के करीब नक्सली बाहर के राज्यों से पंहुचे हैं ये नक्सली कौन हैं, किसी के पास कोई जानकारी नहीं है। जबकि 15 से 16 लोग नए हैं।माओवादी कोयल शंख जोन जिसमें पलामू, गढ़वा, लातेहार, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा एक बार फिर से मजबूत करना चाहते।
माओवादियो के कमांडरों का एक दूसरे पर भरोसा टूट गया है:
मिथिलेश मेहता ने पुलिस को बताया कि बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियो के कमांडरों का एक दूसरे पर भरोसा टूट गया है।यही वजह है कि कई नक्सली कैडर झारखण्ड, बिहार,उतरी छत्तीसगढ़ के यूनीफाइड कमांड के टॉप कमांडर मिथिलेश मेहता की बातों को अनसुनी कर रहे थे। इसी बात से नाराज मिथिलेश मेहता ने 27 और 28 फरवरी की रात बूढ़ा पहाड़ को छोड़ दिया। जिसे बाद में गया में गिरफ्तार कर लिया गया।