प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के नाम पर ठगी: इंडेन का एलपीजी डीलरशिप दिलाने का निकाला विज्ञापन,फिर 22.50 लाख रुपए ठगे
–साइबर थाना राँची में दर्ज हुई प्राथमिकी
–राँची के सेक्टर-3 निवासी श्रीभगवान साह से हुई ठगी
–फंसाने के लिए बताया 30 लाख का लोन देगी केंद्र सरकार
राँची।प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के नाम पर बड़ा ठगी का मामला साइबर थाना राँची में दर्ज हुआ है। साइबर अपराधियों ने पीएम उज्जवला योजना के तहत एलपीजी डीलरशिप दिलाने के नाम पर विज्ञापन निकाल,राँची धुर्वा सेक्टर-3 निवासी से 22.50 लाख रुपए की ठगी कर ली है। इस संबंध में सेक्टर थ्री निवासी श्रीभगवान साह ने साइबर थाना रांची में तीन मार्च को प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 26 दिसंबर 2021 को श्रीभगवान साह ने सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखा।विज्ञापन में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत एलपीजी डीलरशिप का विज्ञापन निकाला गया था। उक्त विज्ञापन को देखने के बाद श्रीभगवान साह ने दिए गए लिंक पर क्लिक कर आवेदन के लिए अॉन लाइन फार्म निकाला। जिसे उन्होंने अॉनलाइन भर कर जमा कर दिया। फार्म भरने के बाद 28 दिसंबर को उनके पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को एलपीजी वितरण के लिए चयन कार्यालय का ग्राहक सेवा अधिकारी बताया। उसने अपना नाम शशिकांत तिवारी बताया। श्रीभगवान साह को शशिकांत तिवारी ने मोबाइल नंबर 97352—89 से फोन किया था।
केंद्र की योजना बता कहा इंडेन डीलरशिप के लिए बिना ब्याज लोन सरकार
फोन करने वाले शशिकांत तिवारी ने उन्हें कहा कि यह योजना भारत सरकार की है।प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत आपको इंडेन का गैस एजेंसी का डीलरशिप मिल सकता है। डीलरशिप के लिए केंद्र सरकार द्वारा आपको तीस लाख रुपए का लोन भी मिलेगा, वो भी बिना ब्याज के। उसने बताया कि कम से कम पेपर वर्क पर पहले तीन लाख रुपए खर्च होंगे। इन सब फायदों को देखते हुए श्रीभगवान साह उसके झांसे में आ गए। उन्होंने शशिकांत तिवारी को कहा कि वे अपनी पत्नी उषा देवी के नाम पर रांची में इंडेन का डीलरशिप लेंगे।
फिर शुरू हुआ ठगी का खेल, पहले मंगाया पैन,आधार, बैंक डिटेल
श्रीभगवान साह को झांसे में लेने के बाद शशिकांत तिवारी ने उनसे पैन कार्ड, आधार, बैंक डिटेल्स, बोर्ड का सर्टिफिकेट, व एक पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ कंपनी के वाट्सएप नंबर 73819—97 पर भेजने को कहा। 29 दिसंबर को श्रीभगवान ने उसे सारे डॉक्यूमेंट भेज दिए। फिर उन्हें एलपीजी डीलरशिप देने के नाम पर कई तरह के डॉक्यूमेंट भेजे गए और उनसे पैसे की मांग शुरू कर दी गई।
पहले पेपर वर्क के लिए मांगे तीन लाख रुपए
श्रीभगावन साह से पहले पेपर वर्क के नाम पर तीन लाख रुपए मांगे गए। उन्हें डीलरशिप के नाम पर इतने कागजात भेजे गए थे कि वे पूरी तरह उनके झांसे में आ गए थे। उन्होंने पहले तीन लाख रुपए ट्रांसफर किए। इसके बाद धीरे धीरे अन्य कार्यों के नाम पर कुछ ही दिनों में श्रीभगवान साह से इन लोगो ने 22.50 लाख रुपए ठग लिए। जब डीलरशिप नहीं मिला, तब वे समझ गए कि उनके साथ ठगी हुई है। इसके बाद उन्होंने साइबर थाना राँची में प्राथमिकी दर्ज कराई।
ठगी के सिंडिकेट में इतने लोग थे शामिल
श्रीभगवान साह ने साइबर थाना की पुलिस को बताया कि ठगी के इस सिंडिकेट में कई लोग शामिल है। इसमें शशि कांत तिवारी जो खुद के ग्राहक सेवा अधिकारी बताया, रमेश त्रिपाठी जिसने खुद को ग्राहक सेवा अधिकारी एलपीजी सेवा अधिकारी बताया, संदीप सिंह ने खुद को जनरल मैनेजर बताया।
फर्जी ईमेल आईडी भी एलपीजी के नाम पर
लोगो को झांसे में लेने के लिए इन लोगो ने फर्जी ईमेल आईडी एलपीजी के नाम पर बना रखी थी। जो info@lpgvitrakchayan.in व support@lpgvitrakchayanltd.in बना रखा था। श्रीभगवान साह से इन लोगो ने पैसे का भुगतान इंडियन बैंक, और एचडीएफसी आसनसोल वेस्ट बंगाल में लिया।