सही में सरकार गिराने आया था सब्जी विक्रेता और ठेका मजदूर ? सरकार गिराने की साजिश में राँची पुलिस ने तीन को किया गिरफ्तार,दो लाख रुपए पुलिस ने होटल से किए जब्त,तीनों को भेजा जेल

–22 जुलाई को बेरमो विधायक जयमंगल सिंह ने कोतवाली थाने में दर्ज कराई थी प्राथमिकी, उसके बाद राँची पुलिस ने की कार्रवाई, गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों में एक पलामू का और दो बोकारो के रहने वाले

राँची।झारखण्ड में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार को गिराने की साजिश रचने वाले तीन अभियुक्तों को राँची पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में हुसैनाबाद पलामू निवासी ब्रजेश कुमार दूबे, सेक्टर टू बोकारो निवासी अमित सिंह और सेक्टर 12 बोकारो निवासी निवारण प्रसाद महतो शामिल है। पुलिस ने इनके पास दो लाख रुपए और मोबाइल फोन जब्त किए है। पुलिस के अनुसार इन तीनों की गिरफ्तारी राँची के एक होटल ली लेक से हुई है। कोतवाली पुलिस के अनुसार इन तीनों अभियुक्तों ने अपना अपराध स्वीकार किया है। वहीं होटल मे इनके अन्य साथी भी थे जो पुलिस की छापेमारी के दौरान अपना सामान छोड़कर भाग निकले। इन तीनों के विरुद्ध कोतवाली थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 124 ए, 120 बी, 34 और 171 (बी) आरपी एक्ट व 8/9 पीसी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

छपी खबरों पर गौर करें

जिस हवाई टिकट का पुलिस ने जिक्र किया है ?

इधर भाजपा सांसद ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दिये हैं ट्विटर पर लिखे हैं – कुमार गौरव कौन हैं? कहीं विधायक अनूप सिंह जी के भाई तो नहीं? दो भाई की लड़ाई में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी व झारखण्ड पुलिस मूर्खतापूर्ण कारवाई कर ठेका मज़दूरों व सब्ज़ी बेचने वाले से सरकार तो नहीं गिरा रही ?

22 जुलाई को बेरमो विधायक ने दर्ज कराई थी कोतवाली थाने में प्राथमिकी, इसके बाद राँची पुलिस ने की छापेमारी

22 जुलाई को कोतवाली थाने में बेरमो विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद राँची पुलिस ने इस मामले में छापेमारी की। बेरमो विधायक ने कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी में लिखा है आपको अवगत करा रहा हूं कि झामुमो-कांग्रेस-राजद की गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की सूचनाएं विगत कई महीनों से चली आ रही है। कई विधायकों की छवि धूमिल करने की कोशिश की जाती रही है। इसी क्रम में मुझे जानकारी मिली जो काफी हैरान करने वाली थी। वो थी की अलग अलग जगहों के कुछ लोग राजनीतिक षडयंत्र को अंजाम देने के लिए राँची में आकर कैंप किए हुए है और हवाला के जरिए बड़े पैमाने पर लेन देन की सूचना मिली है। इसी क्रम में जानकारी मिली है कि सत्तारूढ़ दल के विधायकों के खरीद फरोख्त के लिए और लेन देन के लिए बातचीत चल रही है ताकि कुछ विधायकों को प्रलोभन से तोड़कर सरकार गिरायी जा सके। मुझे ये जानकारी मिली दी गई है कि कुछ बहुत ही रसूखदार लोग एवं फाइनांसर छद्म नाम से कई होटलों में ठहरे हुए है तथा विधायकों से संपर्क की कोशिश में है ताकि उनको प्रलोभन देकर सरकार के विरुद्ध षडयंत्र कर सरकार को गिराने का अंजाम दिया जा सके। उपरोक्त सूचना पर कार्रवाई की जाए।

बोकारो के जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है, कौन है?

हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने बोकारो से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों की आर्थिक हैसियत विधायकों को खरीद-फरोख्त करने जैसी नहीं है। जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें दो बोकारो के हैं। पुलिस कार्रवाई पर आरोपी के परिजनों ने सवाल उठा रहे हैं। एक निवारण महतो दुंदीबाद बाजार में कभी सब्जी तो कभी तारबूज बेचा करता है। चिटाही के मूल निवासी निवारण विस्थापित इलाके के सामाजिक कार्यों में शामिल भी रहा है। 2019 के विधानसभा चुनाव में हिदुस्तान आवाम मोर्चा सेक्यूलर से चुनाव लड़ा था। इसे एक हजार नौ मत मिले थे।चुनाव के समय दिए गए शपथ पत्र में निवारण ने वर्ष 2019-2020 में अपनी वार्षीय आय दो लाख 85 हजार रुपये बताई थी। बताया था कि उसके नाम एक ट्रक है। यह ट्रक श्री राम फाइनेंस से कर्ज लेकर वह खरीदा है। इधर निवारण के भाई अरुण ने जागरण को दूरभाष पर बताया कि पिता कैलाश चंद्र महतो की मौत 26 मई को हो गई थी। तीन भाईयों में निवारण सबसे बड़े हैं तो दूसरे भाई का नाम मदन और तीसरे भाई वह हैं। वह भाई निवारण के साथ ही सेक्टर बारह के आवास में रहते हैं। भाई निवारण दुन्दीबाद में फल बेचते हैं। 22 तारीख की रात सेक्टर बारह, सिटी थाना पुलिस ने उनके आवास का दरवाजा खटखटाया। थानों की पुलिस के साथ डीएसपी भी थे।निवारण के भाई अरुण ने कहा है-उसके भाई को यह बोलकर पुलिस वाले ले गए कि पूछताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा। वह सिटी थाना अपने भाई को खोजते हुए गए। यहां कुछ देर बाद अमित व उनके भाई को पुलिस अलग-अलग वाहनों में लेकर पहुंची। उन्हें अपने भाई से मिलवाया गया। यहां सीसीटीवी कैमरा भी लगा था। अगर कैमरे की फुटेज को खंगाला जाए तो इसमें स्पष्ट वह और उनके भाई के अलावा अमित दिख जाएगा। उनके भाई को बोकारो से गिरफ्तार कर पुलिस रांची ले गई और यहां यह कह दी कि एक होटल से उसे गिरफ्तार किया गया। बताया कि वह कमाने खाने वाले परिवार के लोग हैं। उनके भाई पर गलत आरोप लगा है।

वहीं,साजिश में गिरफ्तार दूसरा आरोपी अमित सिंह स्वयं एक दिहाड़ी मठेका कंपनी में मजदूरी करता है। जबकि उसके पिता मदन सिंह सेक्टर बारह मोड़ पर एक होटल है। झोपड़ी नुमा होटल वह चलाते हैं। पिता मदन सिंह ने बताया कि बेटा अमित प्लांट में एक ठेका कंपनी में मजदूरी करता है। वह बोकारो स्टील के रेलवे इंजन में सहायक का काम करता है। घर वालों के अनुसार प्लांट में कार्यरत अमित को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया और फर्जी तरीके से यह बता दिया कि उसकी गिरफ्तारी राँची के एक होटल से हुई है। मदन सिंह का कहना है कि किसी दुश्मनी से उनके बेटे को फंसाया जा रहा है।