Jharkhand:सजायाफ्ता लालू यादव की जमानत पर सुनवाई फिर 6 हफ़्तों के लिए टल गई है.
राँची।सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की जमानत पर 6 सप्ताह के लिए सुनवाई टल गई है। लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने लालू की कस्टडी पर जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव की जमानत पर झारखण्ड हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई।लालू यादव की ओर से दुमका कोषागार मामले में सजा की अवधि पूरी करने का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई गई है। लालू प्रसाद को अगर जमानत की सुविधा मिलती तो वह जेल से बाहर निकल जाते। क्योंकि इससे पहले उन्हें तीन मामलों में जमानत मिल चुकी है। बता दें कि लालू प्रसाद यादव को दुमका कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। उनका दावा है कि उन्होंने 42 माह से ज्यादा दिन जेल में बिताए हैं। जबकि सीबीआई का कहना है कि लालू यादव इस मामले में सिर्फ 34 माह ही जेल में रहे हैं।
इस बीच सीबीआइ की ओर से हाई कोर्ट में गुरुवार को एक पूरक शपथपत्र दाखिल किया गया है, जिसमें कहा गया है कि लालू प्रसाद की तबीयत स्थिर है और फोन प्रकरण में उनके खिलाफ पटना में प्राथमिकी भी दर्ज हो गई है। उन्होंने जेल मैन्युअल का उल्लंघन किया है। ऐसे में उन्हें रिम्स से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज देना चाहिए। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ लालू के फोन प्रकरण का मुद्दा अदालत में उठा चुकी है।
बता दें कि लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि जेल में काटने, बढ़ती उम्र व बीमारियों का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई है। लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि दुमका कोषागार मामले में उन्होंने 42 माह 19 दिन जेल में बिताए हैं, जबकि सीबीआइ का दावा है कि दुमका वाले मामले में लालू प्रसाद सिर्फ 34 माह ही जेल में रहे हैं।
ऐसे में उनकी आधी सजा पूरी नहीं होती है। इसे देखते हुए पिछली सुनवाई के दौरान लालू के अधिवक्ता ने उनकी जेल कस्टडी के सत्यापन के लिए समय लिया था। बता दें कि लालू प्रसाद को कुल चार मामलों में सजा मिली है। इसमें से चाईबासा के दो और देवघर से जुड़े मामले में जमानत मिल चुकी है। अगर दुमका कोषागार वाले मामले में लालू प्रसाद को जमानत मिलती तो वे जेल से बाहर निकल जाएंगे।