हजारीबाग:पीएलएफआई उग्रवादी ने पुलिस हिरासत में फांसी लगाकर की आत्महत्या,मेडिकल बोर्ड में गठित तीन चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम किया,एसपी ने मामले में न्यायिक जांच की अनुशंसा की
हजारीबाग।झारखण्ड में हजारीबाग जिले के सिलवार मुफस्सिल थाने में पीएलएफआई संगठन के लेवी मांगने का आरोपी नंद किशोर महतो उर्फ महतो जी ने फांसी लगाकर मंगलवार को आत्महत्या कर ली।मृतक बड़कागांव का रहने वाला है। अपराधिक घटनाओं को लेकर कई बार जेल जा चुका था। हाल में ही जेल से छूटा था।उसके बाद कोयला उत्खनन क्षेत्र में ओएनजीसी एलएंडटी और अन्य कंपनियों से दहशत फैलाकर रंगदारी मांगने का काम कर रहा था।
लेवी मांगने को लेकर लगातार मिल रहे शिकायत को लेकर सोमवार की रात एसआईटी ने उसे हिरासत में लिया था। मुफस्सिल थाना और कोर्रा थाना में हाजत नहीं रहने के कारण सुरक्षा के दृष्टिकोण से सिलवार स्थित पुलिस कार्यालय में रखा गया था। मंगलवार को उसने पूर्वाहन 9:50 बजे बजे गार्ड से शौचालय जाने की बात कही इसके बाद वह शौचालय में अंदर घुस गया।फिर अंदर से बनियान को फाड़ कर दरवाजा मे गांठ लगा ली ताकि कोई अंदर नहीं आ सके इसके बाद बनियान के रबड़ से सहारा लेकर फांसी से झूल गया। इसकी आवाज सुनकर गार्ड भागे भागे आए जब दरवाजा तोड़ा गया तो सारा दृश्य सामने आ गया बाद में घटना की सूचना पुलिस के वरीय पदाधिकारी को देने के साथ डॉक्टरों की टीम पहुंची।चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।फिर शव को मजिस्ट्रेट सदर अंचल अधिकारी राजेश कुमार की उपस्थिति में पोस्टमार्टम के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया जहां मेडिकल बोर्ड में गठित तीन चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम किया।पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई।
एसपी मनोज रतन चोथे ने बताया कि इस मामले में न्यायिक जांच की अनुशंसा कर दी गई है। न्यायिक जांच में जो दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। मृतक के विरुद्ध दहशत फैलाकर रंगदारी और लेवी मांगने को लेकर आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। मृतक पहले माओवादी था। बाद में माओवादी संगठन छोड़ने के बाद पीएलएफआई का हार्डकोर कार्यकर्ता बनकर कोयला उत्खनन क्षेत्रों में दहशत फैलाकर रंगदारी वसूलने का काम कर रहा था।