क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी:झारखण्ड सीआईडी सतर्क,आईसी 4 के ऑफिसर झारखण्ड पुलिस के ऑफिसर्स को ट्रेनिंग दे रहे हैं….
राँची।क्रिप्टोकरेंसी निवेश को लेकर अगर आवश्यक सावधानियां नहीं बरती गई तो यह बड़े वित्तीय घाटे का कारक बनेगा। क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी ने देश में एक बड़े साइबर खतरे को सामने लाया है।यह पुलिस के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। क्योंकि पुलिस यह पता ही नहीं है कि क्रिप्टो करेंसी के जरिए की गई ठगी तुरंत कैसे रोके।ऐसे समय में झारखण्ड पुलिस ने इंडियन साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर यानी आईसी 4 की मदद से क्रिप्टो करेंसी में शामिल ठगों के नेटवर्क को तोड़ने की रणनीति पर काम करना शुरू किया है। क्रिप्टो करेंसी को लेकर हो रही ठगी को लेकर झारखण्ड पुलिस भी परेशान है।झारखण्ड में अब तक दो ही मामले थाना में रिपोर्ट हुए हैं।दो ही मामलों में 2 करोड़ 33 लाख की ठगी कर ली गई। ऐसे में झारखण्ड सीआईडी की टीम ने बिना देरी किए इंडियन साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर यानी आईसी 4 की मदद से अपने पुलिस अफसरों को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है।ताकि क्रिप्टो करेंसी के जरिए संभावित ठगी के खतरों से निपटा जा सके।
इस सम्बंध में झारखण्ड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि हमारे यहां दो ही मामले आए हैं। लेकिन दोनों ही बेहद गंभीर हैं।ऐसे में पुलिसकर्मियों को इस प्रस्तुति से निपटने निपुण होना होगा।सीआईडी डीजी के अनुसार, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले आईसी 4 से मदद मांगी और उन्होंने तुरंत एक टीम भेज कर झारखण्ड पुलिस के अफसर को ट्रेंड करना शुरू भी कर दिया है। झारखण्ड साइबर क्राइम ब्रांच के एसपी, डीएसपी, सहित करीब 40 अफसरों को बताया जा रहा है कि क्रिप्टो करेंसी के जरिए किस तरह से ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, इसकी जांच कैसे की जाएगी और अगर बड़ी ठगी के मामले सामने आ जाते हैं तो उसमें किन-किन एजेंसियों से मदद लेनी है।
झारखण्ड के साइबर अपराधी ऐसे ही देश भर के लिए खतरा बने हुए हैं।इसी खतरे के बीच अब क्रिप्टो करंसी के जरिए ठगी भी शुरू हो गई है।ठगी भी एक-दो लाख की नहीं, बल्कि करोड़ों की हो रही है. ऐसे में क्रिप्टो करेंसी से जुड़े घपले घोटाले की जांच के लिए झारखण्ड पुलिस के चुनिंदा अफसरों को ट्रेंड किया जा रहा है. अफसरों को ट्रेंड करने के लिए वाकायदा दिल्ली से आईसी 4 के एसीपी जितेंद्र सिंह सहित पांच सदस्यीय टीम जिसमें टेक्निकल एक्सपर्ट भी हैं,राँची पहुंचे हुए हैं। सभी मिलकर साइबर क्राइम ब्रांच के अफसरों के साथ-साथ कुछ चुनिंदा अफसरों को भी ट्रेंड कर रहे हैं।
इधर आईसी 4 के एसीपी जितेंद्र सिंह के अनुसार, बिटक्वाइन के आने बाद लोगों को जल्द से जल्द अमीर बनने का चस्का लगा है। जल्द अमीर बनने के चक्कर में ही लोग ठगे जा रहे हैं। डिजिटल करेंसी के रूप में क्रिप्टो का इस्तेमाल आम लोगों के द्वारा बिना सोचे समझे किया जा रहा है।जिसके बाद डिजिटल करेंसी के जरिए जल्द से जल्द अमीर बनने की चाहत रखने वालों को साइबर अपराधियों ने टारगेट करना शुरू कर दिया। एसीपी जितेंद्र सिंह के अनुसार, स्थिति भयावह हो चुकी है। हमारे पड़ोस के कई ऐसे देश हैं जो सिर्फ और सिर्फ डिजिटल करेंसी के जरिए लोगों को अमीर बनने का लालच देकर करोड़ों रुपए ठगी कर रहे हैं।जितेंद्र सिंह के अनुसार किसी भी तरह का साइबर केस क्यों ना हो, सब के पीछे केवल लालच ही वजह होता है।क्रिप्टो करेंसी में भी यही स्थिति हैम लेकिन क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी के पैसे गलत हाथों में जा रहे हैं, जो बेहद चिंता का विषय है। क्रिप्टो करेंसी में हो रही ठगी से बचने का एकमात्र उपाय है, लालच छोड़ना और निवेश के लिए इंडियन एक्सचेंज का प्रयोग करना।इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिससे क्रिप्टो करेंसी में चल रही ठगी से बचा जा सके। क्रिप्टो करेंसी के जरिए चल रही ठगी का धंधा देशभर में फैल चुका है।इसके लिए अब कई एजेंसियों को मिलकर साथ काम करना पड़ रहा है, ताकि इस पर ब्रेक किया लगाया जा सकेमइसके मनी ट्रेल को पता करना भी बेहद मुश्किल भरा काम है।