महिला दिवस के मौके पर महिलाओं के जिम्मे पूरा ट्रेन। सरपट ट्रेन दौड़ाकर बतलाया “नहीं है पुरुषों से कम”
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2020: जानकी ने धनबाद-सिंदरी सवारी गाड़ी को दौड़ाई सरपट, दंग रह गए यात्री बदलाव था तो यह कि सवारी गाड़ी की स्टीयरिंग पर पुरुष लोको पायलट के बजाय महिला लोको पायलट जानकी वल्लभ के दोनों हाथ थे। सहयोग कर रही थीं महिला सहायक लोको पायलट कुमारी वंदना
धनबाद। इस बार का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस धनबाद रेल मंडल के खास रहा। महिला लोको पायलट जानकी वल्लभ और महिला सहायक लोको पायलट कुमारी वंदना ने धनबाद-सिंदरी सवारी गाड़ी दाैड़ाई तो सब देखते रह गए। इसी के साथ धनबाद रेल मंडल के इतिहास में आज का खास लम्हा दर्ज हो गया। जानकी और वंदना इस रेल मंडल में सवारी गाड़ी चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट और महिला सह लोको पायलट बन गईं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मद्देनजर धनबाद रेल मंडल प्रबंधन ने पहले से ही कुछ खास करने की तैयारी कर रखा था। प्रतिदिन की तरह आज भी 11: 30 बजे धनबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 से धनबाद-सिंदरी सवारी गाड़ी खुली। बदलाव था तो यह कि सवारी गाड़ी की स्टीयरिंग पर पुरुष लोको पायलट के बजाय महिला लोको पायलट जानकी वल्लभ के दोनों हाथ थे। सहयोग कर रही थीं महिला सहायक लोको पायलट कुमारी वंदना। लोको पायलट से लेकर गार्ड तक सब महिलाएं थीं। गार्ड की जिम्मेवारी संभालते हुए अल्बीना मरांडी झंडी दिखा रही थीं। महिलाएं सवारी गाड़ी को दाैड़ाते हुए धनबाद-हावड़ा रेल खंड के प्रधानखांता स्टेशन तक पहुंचीं। इसके बाद सिंदरी लाइन की तरफ सवारी गाड़ी को मोड़ दी। इस दाैरान सवारी गाड़ी रोजाना की तरह चलते हुए हवा से बातें कर रही थी।
धनबाद-सिंदरी सवारी गाड़ी से सफर रहने वाले यात्रियों ने भी महिला दिवस पर महिला स्टाफ की हौसलाअफजाई की। सभी महिला स्टाफ का अभिवादन किया। धनबाद-सिंदरी गाड़ी का परिचालन कर महिलाओं ने साफ कर दिया कि वे किसी के कम नहीं हैं। मौका दीजिए और देखिए काबिलियत। माैका नहीं भी दीजिएगा तो हम अपनी काबिलियत की बदाैलत रास्ते को तलाश ही लेंगे।
महिला दिवस पर धनबाद रेलवे स्टेशन महिलाओं के हवाले रहा। आरआरआई से लेकर टिकट बुकिंग काउंटर तक महिलाओं की अंगुलियों के इशारे पर ही चलता रहा। ट्रेन लेकर चली सहायक चालक वंदना बताती हैं कि काम कोई भी कठिन नहीं होता। बस इच्छाशक्ति जरूरी है। घरों के कामकाज से इतर भी महिलाएं समाज और राष्ट्र निर्माण में कसी से पीछे नहीं हैं।