कोडरमा में नकली शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
कोडरमा।पुलिस ने कोडरमा जिले के तिलैया थाना क्षेत्र में संचालित मिनी शराब फैक्ट्री का बुधवार को खुलासा किया है। तिलैया थाना क्षेत्र के गांधी स्कूल के निकट रोड नंबर 4 में गोविंद मोदी के घर में किराये पर रहकर अवैध कारोबारी सस्ती शराब को महंगी शराब की बोतलों में भरकर बिहार के अलग-अलग जिलों में सप्लाई करते थे। इस मामले में पुलिस ने दो अभियुक्त 18 वर्षीय कुंदन कुमार, नारदीगंज जिला नवादा और 20 वर्षीय संतोष कुमार, मीरपुर जिला नालंदा को गिरफ्तार किया है।उनके पास से भारी मात्रा में नकली शराब, शराब की बोतलें, बोतलों पर चिपकाने वाले महंगे ब्रांड की शराब के रैपर, शराब की बोतलों पर चिपकाया जाने वाला झारखण्ड सरकार का स्टीकर, एक इनोवा कार (यूपी 32 सीई 8386) और एक स्कूटी (बीआर 21 वाइ 7510) बरामद किया है।
पुलिस के अनुसार तिलैया थाना क्षेत्र के गांधी स्कूल के निकट रोड नंबर 4 में पिछले कुछ महीनों से महंगी शराब की बोतलों में अरुणाचल प्रदेश से मंगाई गई सस्ती शराब को भरकर सील किया जाता था।उसे बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी समेत अन्य जिलों में सप्लाई किया जा रहा था। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने मिनी शराब फैक्ट्री का खुलासा किया। इस संबंध में जानकारी देते हुए एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस मामले को लेकर शराब फैक्ट्री के संचालक की तलाश शुरू हो गई है। उत्पाद विभाग भी इस मामले को लेकर कारवाई में जुट गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक के अनुसंधान में राहुल कुमार और विक्की कुमार के इस अवैध कारोबार के मुख्य सरगना होने का पता चला है। उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी अजय सिंह के निर्देश पर एएसआइ शशिकांत कुमार में नेतृत्व में मंगलवार रात छापेमारी की गई।
शराब की मिक्सिंग के साथ बोतलों की होती थी रीफिलिंग
मामले की जानकारी देते हुए एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मिनी फैक्ट्री में किंग्स गोल्ड शराब को कबाड़ी से खरीदे गए मंहगे शराब की बोतलों में भरा जाता था और उसमें सोडा मिलाया जाता था। स्वाद में एकरूपता लाने के लिए ब्रांडेड महंगी शराब की थोड़ी मात्रा भी बोतल में डाली जाती थी। बोतल में डुप्लीकेट शराब तैयार कर उसका रैपर बदला जाता था और उसे सील कर उस पर झारखंड सरकार का लोगो चिपका कर उसकी तस्करी की जाती थी।
लग्जरी कार के जरिए होती थी शराब की तस्करी
पकड़े गए अभियुक्तों ने बताया कि किंग्स गोल्ड शराब बोकारो के जैना मोड़ में एक होटल से तिलैया लाया जाता था। इसकी कीमत अरुणाचल प्रदेश में डेढ़ सौ रुपये है। इसे तिलैया स्थित फैक्ट्री लाया जाता था और उसे कबाड़ से खरीदी गई मंहगी शराब की बोतलों में भरकर बिहार के अलग-अलग जिलों में तस्करी की जाती थी। अभियुक्तों के अनुसार तस्करी के लिए महंगी लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था। मिनी फैक्ट्री से लग्जरी इनोवा कार भी बरामद की गई है। पकड़े गए अभियुक्तों के अनुसार बिहार में शराबबंदी लागू है। ऐसे में नकली व डुप्लीलेट शराब को असली शराब की बोतलों का स्वरूप दिया जाता था, ताकि असली-नकली का फर्क न पता चले और बेहतर कीमत मिल सके।
150-200 रुपये में तैयार होती थी 1000-5000 बोतलें
खुलासा में पता चला कि एक हजार रुपये की कीमत से 5000 हजार रुपये की कीमत की शराब की खाली बोतलें मिनी फैक्ट्री से बरामद की गई है। जबकि इसमें भरे जाने वाले शराब की कीमत महज डेढ़ सौ रुपये है। इसके अलावा बोतल खरीदने, रैपर तैयार करने में खर्च होता था। बोतलों को सीलबंद करने के लिए किसी मशीन की बजाय देशी तकनीक से बोतल के ढक्कन को गर्म कर उसे बोतल पर सील किया जाता था।
एसआइटी करेगी मामले का अनुसंधान
एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि नकली शराब तैयार करना और झारखंड सरकार के लोगो का अवैध रूप से इस्तेमाल करना राजद्रोह के तहत आता है। मामले के अनुसंधान के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि आगे इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी, मामले के अनुसंधान और कार्रवाई के लिए एसआइटी गठित की गई है।
इन ब्रांडों की होती थी डुप्लीकेसी
ब्लैक डाॅग, टीचर्स, ब्लंडर प्राइड, सिग्नेचर, 1000 पाइपर, रेड लेबल, ब्लैक एंड व्हाइट, रायल चैलेंज, वेलेंटाइन व्हिस्की, मैकडावेल, रॉकफोर्ड आदि महंगे ब्रांडो की डुप्लीकेसी हो रही थी।