प्रवर्तन निदेशालय ने झारखण्ड पुलिस से 2016 के हॉर्स ट्रेंडिंग मामले में मांगी सुपरविजन रिपोर्ट…

राँची।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्यसभा चुनाव 2016 हॉर्स ट्रेडिंग मामले में झारखण्ड पुलिस से सुपरविजन रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले ईडी ने एफआईआर की कॉपी मांगी थी।इसके साथ ही ईडी ने पूछा है कि क्या इस केस में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट लगा है।माना जा रहा है कि झारखण्ड पुलिस से मिले दस्तावेज के तथ्यों की कानूनी समीक्षा के बाद आगे की कार्रवाई पर निर्णय होगा। राज्यसभा चुनाव -2016 में हुई गड़बड़ी को लेकर आयोग के निर्देश पर जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।

ये चार तथ्य भी हैं गौर करने लायक

–अनुराग गुप्ता पर जिन लोगों ने आरोप लगाया है,उन्होंने सीडी पुलिस को सौंपा,एफएसएल जांच में सीडी में छेड़छाड़ पाया गया है।

–पुलिस को एक मोबाईल फोन सौंपा गया था,जिसके बारे में कहा गया था कि इसी मोबाईल से रिकॉर्डिंग की गयी थी,एफएसएल जांच में यह पाया गया कि जब्त मोबाइल से कोई रिकॉर्डिंग नहीं की गई।

–विभागीय कार्यवाही में डीजी अनुराग गुप्ता निर्दोष पाये गए हैं।

–पूर्व विधायक निर्मला देवी ने इस मामले में हाई कोर्ट में इलेक्शन पीटिशन दाखिल किया था,जिसे उन्होंने बाद में वापस ले लिया।

बता दें इस हॉर्स ट्रेडिंग मामले में केंद्रीय निर्वाचन आयोग के आदेश पर जगन्नाथपुर थाने में मामले को लेकर कांड संख्या-154/18 दर्ज किया गया था।जांच दौरान पूर्व मंत्री योगेंद्र साव,उनकी पत्नी निर्मला देवी (तत्कालीन विधायक) का भी बयान लिया गया था।निर्मला देवी ने अपने बयान में आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके सहयोगियों, विशेष शाखा के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता, तत्कालीन मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के एवज में लालच दिया और भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था।