महाशिवरात्रि को लेकर तोरण द्वार लगाने में विवाद,दो समुदाय में जमकर हुई पत्थरबाजी,तोड़फोड़,कई घायल,पुलिस ने स्थिति नियंत्रण में किया,धारा 144 लागू…

पलामू।झारखण्ड के पलामू जिले के पांकी बाजार में महाशिवरात्रि के अवसर पर तोरण द्वार लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया।इस विवाद में कुछ असामाजिक तत्वों ने आग में घी डालने का काम किया। जिससे जमकर पत्थरबाजी हुई। बीच-बचाव करने गए कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं। इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।हालात पर काबू पाने के लिए 100 से अधिक जवान तैनात हैं।वहीं तरहसी,पिपराटांड़, लेस्लीगंज समेत कई थाना की पुलिस पांकी पहुंची।जिले के उपायुक्त, एसपी समेत वरीय अधिकारी भी पांकी पहुँचे हैं।दरअसल,महाशिवरात्रि को लेकर तोरणद्वार बनाने के विवाद में बुधवार को पलामू जिले के पांकी में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। दोनों समुदायों के बीच पत्थरबाजी हुई और मारपीट हुई। एक मकान, दो बाइक और दो दुकान आग के हवाले कर दिए गए। एक घंटे से ज्यादा समय तक शहर का मस्जिद चौक इलाका युद्ध का मैदान बना रहा। डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए। कई पुलिसकर्मियों को भी चोट लगी है, जिसमें क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक आलोक कुमार टुडू भी शामिल हैं। इलाके में रूक-रूक कर पत्थरबाजी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल के साथ आइजी से लेकर डीसी-एसपी तक कैंप कर रहे हैं।

पलामू जिले के एसपी चंदन कुमार सिन्हा सूचना मिलते ही पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंच गए है।जिले के उपायुक्त ए दोड्डे भी मौके पर पहुंच गए हैं।जिले के डीएसपी,अपर समाहर्ता रेंक के कई अधिकारी तथा मेडिकल टीम भी पांकी पहुंची हुई है।तीन से चार थानों की पुलिस के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात की गई है।

इधर एसपी चंदन कुमार सिन्हा का कहना है कि महाशिवरात्रि को लेकर एक पक्ष की ओर से मस्जिद से कुछ दूरी पर तोरण द्वार बनाया जा रहा था।दूसरे पक्ष के लोगों के द्वारा तोरण द्वार बनाने के लिए मना किया गया।उसी को लेकर विवाद बढ़ा और पत्थरबाजी हुई। फिलहाल मामला शांत है।आगे की कार्रवाई की जा रही है।

इधर दो समुदायों के बीच बुधवार की सुबह संघर्ष होने के बाद निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दिया गया है।वहीं उपायुक्त ने पांकी वासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

पांकी में दो समूहों के बीच में हुए विवाद से उत्पन्न विधि-व्यवस्था की स्थिति शांतिपूर्ण एवं नियंत्रण में है।जिला प्रशासन स्थिति पर पूरी तरह से निगाह रखे हुए है।प्रशासनिक अधिकारियों सहित पुलिस के पदाधिकारी दल-बल के साथ स्थल पर कैंप कर रहे हैं।पूरे क्षेत्र में धारा 144 अंतर्गत निषेधाज्ञा लगा दी गयी है।सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें,किसी भी व्यक्ति के द्वारा सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाते पाये जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। ज्ञातव्य है कि जिले के उपायुक्त श्री दोड्डे,पुलिस महानिरीक्षक पलामू राजकुमार लकड़ा,पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने स्वयं स्थल पर कमान संभाल रखी है।घटनास्थल व आसपास के इलाके पर भी पुलिस पैनी नजर रखी हुई है।किसी भी घटना से निपटने के लिए पुलिस तैयार है। घटनास्थल व उसके आसपास के इलाके में दंडाधिकारी भी प्रतिनियुक्त किए गए है।

आधा दर्जन लोगों की घायल होने की खबर है

जानकारी के अनुसार इस झड़प में आधे दर्जन लोग घायल हुए हैं। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सदर हस्पताल लाया गया है। पथरबाजी में कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है, पर पुलिस के द्वारा इसकी पुष्टि अभी तक नहीं की गई है।

आईजी ने कहा- स्थिति कंट्रोल में है

इधर पलामू प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक राजकुमार लकड़ा ने बताया कि तोरण द्वार में हुई तोड़-फोड़ के बाद शुरू हुई,जो बाद में झड़प में तब्दील हो गया, फिर लाठी और पत्थरबाजी की गई। उन्होंने बताया कि तोरण द्वार शिवरात्रि पूजा को ध्यान में रखते हुए एक समुदाय विशेष के श्रद्धालुओं द्वारा लगाया गया था।

दोनों तरफ से कुछ लोगों को लिया हिरासत में

वहीं पुलिस ने पत्थरबाजी, तोड़फोड़,आगजनी के घटना के सिलसिले में दोनों समुदायों के कुछ एक लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इनमे से कुछ घटना में शामिल है।जबकि कुछ को पूछताछ के लिए पकड़ा गया है।

आवागमन बंद, बाजार में कर्फ्यू की स्थिति

घटना के बाद पांकी-मेदिनीनगर मार्ग पर आवागमन बंद हो गया है।इससे सड़क पर जाम की स्थिति बन गई है।पांकी में घटनास्थल के साथ-साथ आसपास के इलाके दुकानों को भी एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है।लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे है। इलाके में कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई है।

पहले भी यहां हुई है कई अप्रिय घटना

पांकी के इस इलाके में पहले भी कई बार अप्रिय घटन घट चुकी है। धार्मिक मामलों को लेकर यह इलाका हमेशा संवेदनशील रहती है।ऐसे में कैसे बिना पुलिस के जानकारी में यहां तोरणद्वार बन रहा था यह प्रश्न हवा में तैरता है। सवाल यह भी है की जब झगड़ा शुरू हुआ तो पुलिस ने तत्काल क्यों नहीं हस्तक्षेप किया। मामला चाहे जो भी हो फिलहाल पुलिस पूरे इलाके में पैनी नजर रखी हुई है।

सोशल मीडिया पर भी पुलिस की नजर

स्थिति पर नियंत्रण के लिए सोशल मीडिया पर भी पुलिस नजर रखी हुई है।भड़काऊ पोस्ट करने से बचने को सलाह दी गई है। गलत जानकारी साझा करने से भी मना किया गया है. इसके लिए पुलिस आईटी सेल के पदाधिकारी व जवान लगातार सोसल मीडिया पर नजर रख रहे हैं।