झारखण्ड में कांग्रेस को फिर लगा झटका,पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने पार्टी से इस्तीफा दे दी,
राँची।झारखण्ड में कांग्रेस को फिर बड़ा झटका लगा है।पहले आरपीएन सिंह अब पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि झारखण्डी जनभावना के अनुरूप सरकार और संगठन राज्य में काम नहीं कर रही है। इसलिए भारी मन से इस्तीफा दे रही हूँ।उन्होंने इस पत्र को नये प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय को सौंपा है।
बता दें कि गीताश्री उरांव कार्तिक उरांव की पुत्री हैं। सिसई विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं।राज्य की पूर्व शिक्षा मंत्री भी रही हैं।गीताश्री के मुताबिक पार्टी में उनके पिता स्वर्गीय कांर्तिक उरांव के योगदान और आदिवासी समाज की लगातार उपेक्षा हो रही है और आदिवासियों की समस्याएं पार्टी फोरम में जगह नहीं पा रही है।
उन्होंने कहा कि भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका, उड़िया और बंगला भाषा को झारखण्डी भाषा का दर्जा देना मूल झारखंडियों का हक-अधिकार छीनने जैसा है।गीताश्री उरांव के पति पूर्व आईपीएस अफसर अरुण उरांव भी कांग्रेस से बीजेपी में शिफ्ट हो चुके हैं। अब गीताश्री उरांव का अगला ठिकाना कहां होगा, इस पर कयास का दौर जारी है।
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस के नये प्रभारी बनने के बाद अविनाश पांडेय आज ही राँची पहुंचे।उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अभिनंदन समारोह में उन्होंने संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया। लेकिन शाम होते-होते पार्टी को बड़ा झटका लगा है।गीताश्री उरांव के पिता कार्तिक उरांव झारखण्ड में कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। वे इंदिरा गांधी के कैबिनेट में केन्द्रीय मंत्री रहे। माँ सुमति उरांव राजीव गांधी कैबिनेट में मंत्री रही थीं।