Bandra protest: प्रवासी कामगारों को उकसाने वाला आरोपी विनय दुबे गिरफ्तार, जानिए कौन है वो?
मुंबई। कोरोना के खतरे को देखते हुए जहां पूरे देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है, वहीं मंगलवार को मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हजारों लोगों की भारी भीड़ ने सरेआम लॉकडाउन के सारे नियमों की धज्जियां उड़ा दीं, लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा। दरअसल प्रवासी मजदूरों को वापिस भेजे जाने को लेकर सोशल मीडिया पर एक अफवाह उड़ाई गई। लॉकडाउन को बढ़ाए जाने के बाद बड़ी संख्या में कामगार मजदूर बांद्रा स्टेशन पहुंच गए और ये सभी अपने घर वापस जाना चाहते थे। यहां जमा हुए मजदूरों का कहना है कि उनके पास खाने के लिए पैसा नहीं है, रोजगार नहीं है, लिहाजा हमे हमारे घर वापस भेजने का इंतजाम किया जाए। इस मजदूरों को उकसाने वाले विनय दुबे नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया।
प्रवासी कामगारों को उकसाने वाला शख्स हिरासत में
मजदूर लगातार मांग कर रहे थे कि हमे घर वापस भेजने का इंतजाम किया जाए। पुलिस की ओर से यह घोषणा भी की गई कि कोई ट्रेन नहीं चलने वाली है लेकिन बावजूद इसके जब लोग यहां से नहीं हटे तो पुलिस को लोगों को हटाने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा, इस बीच नवी मुंबई पुलिस ने विनय दुबे नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है, आज उसे स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया जहाँ उसे 21 अप्रैल तक कस्टडी में भेज दिया गया है।
कौन है विनय दुबे?
विनय दुबे खुद को ट्विटर पर सामाजिक कार्यकर्ता बताता है। उसके कुछ ट्वीट्स सत्ताधारी एनसीपी से उसके संबंधों की ओर इशारा करते हैं। ऐसे ही एक ट्वीट में विनय ने बताया है कि उसके पिता ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए महाराष्ट्र सरकार को अपने जीवन की सारी पूंजी दान कर दी। उसने अनुदान स्वीकारने के लिए गृह मंत्री अनिल देशमुख के अलावा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भी आभार व्यक्त किया था।
बसों के इंतजाम का किया था ऐलान
इसी विनय दूबे ने ट्विटर पर 9 अप्रैल को एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें उसने कहा था कि लॉकडाउन की वजह से फंसे मजदूरों को घर भेजने के लिए उसकी टीम ने व्यवस्था की है। विनय ने तब कहा था कि 15 तारीख की सुबह मुंबई के अलग-अलग ठिकानों से 40 बसें अरेंज की गई हैं जो मजदूरों को ले जाकर उनके राज्यों में छोड़ेंगे। उसने कहा था कि यह सुविधा निशुल्क होगी।
क्या किया विनय दूबे ने?
विनय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो अपलोड किया था। इसमें उसने महाराष्ट्र सरकार से प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट अरेंज करने की मांग की थी। अपने ट्वीट में उसने 18 अप्रैल तक का वक्त देते हुए कहा था कि अगर तब तक ट्रेन की व्यवस्था नहीं की गई तो नेशनल लेवल पर प्रदर्शन किया जाएगा। पुलिस को शक है कि उसके सोशल मीडिया पर मैसेजेस के चलते ही प्रवासी मजदूर बांद्रा में इकट्ठा हुए।