#BigBreaking: पूरे झारखण्ड में लॉकडाउन आदेश के बीच राँची के एक मदरसे में कैद 600 बच्चों को पुलिस ने रेस्क्यू कर निकाला बाहर, मदरसा संचालक हुआ फरार
राँची। राजधानी रांची के रातू थाना क्षेत्र के परहेपाट गांव में संचालित होने वाले कुलयतूल बनात ली तरबियतिल इस्लामिया नाम के मदरसा में करीब 600 बच्चों को कैद कर रखा गया था। बताया जा रहा है की मदरसा के मौलवी ने सभी बच्चे को जबरन कैद करके रखा था। इसकी सूचना मिलने पर मौके पर रातू थाना की पुलिस पहुंचकर सभी बच्चे को मदरसा से बाहर निकाला। जो बच्चे लोकल के रहने वाले थे उन्हें अपने अपना घर भेज दिया गया और जो बच्चे का घर राँची से दूर हैं उनको घर भेजने का प्रशासन पर इंतजाम कर रही है।
मदरसे में मौलवी के द्वारा बच्चे को कैद रखने की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस को देखकर मौके से मौलवी फरार हो गया।बताया जा रहा है कि मदरसे में रहने वाली एक बच्ची ने मंगलवार को इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी थी। जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को मिली और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी बच्चे को मदरसे से बाहर निकाला। मदरसे में बच्चे को किस मकसद से जबरन कैद करके रखा गया था। अब तक इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस सभी मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर मामले की छानबीन में जुटी हुई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मदरसे में 18 मार्च को ही छुट्टी कर दी गई थी। छुट्टी होने के बावजूद भी मदरसा के मौलवी ने करीब 600 बच्चे को मदरसा में रोक कर रखा था उन्हें कहीं बाहर निकलने तक नहीं दिया जा रहा था। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की टीम जब मदरसा पहुंची तो वहां देखा गया कि एक छोटे से कमरे में करीब 20- 20 बच्चे को रखा गया था। बताया जा रहा है कि मदरसे में ना पीने के पानी का सही व्यवस्था थी और ना सही तरीके से साफ सफाई। ऐसे में सवाल उठता है की राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को को देखते हुए पूरे राज्य में लॉकडाउन किया है और लोगों को समूह में नहीं रहने दिया जा रहा है, तब ऐसे में इतने बड़ी संख्या में बच्चे कैसे रह रहे थे।