एसएसपी के आदेश की अवहेलना पर कार्रवाई:अस्पताल जा रही महिला को रोकने और 50 रुपये लेने वाला एएसआई सस्पेंड
जमशेदपुर।गोविंदपुर अन्ना चौक के पास टाटा मोटर्स अस्पताल जा रही महिला की स्कूटी रोककर कागजात मांगने और 50 रुपए वसूलने के आरोप में एसएसपी ने ट्रैफिक थाना के एएसआई राजकुमार यादव को सस्पेंड कर दिया है। इस मामले में परसुडीह सरजामदा निधि टोला में रहने वाली मीरा देवी ने 26 अगस्त को घटना की जानकारी एसएसपी को फोन पर दी थी। एसएसपी के आदेश पर टेल्को थाना के एसआई रंजन कुमार ने महिला के घर जाकर छानबीन की।जांच में महिला की स्कूटी रोकने की बात एएसआई के साथ ड्यूटी पर मौजूद अन्य सिपाहियों ने बताई। महिला ने लिखित शिकायत में कहा था कि 26 अगस्त सुबह 10.30 बजे पति प्रमोद कुमार तिवारी के साथ बेटी को देखने के लिए टाटा मोटर्स अस्पताल स्कूटी से जा रही थी। गोविंदपुर अन्ना चौक से आगे बढ़ी थी कि बाएं तरफ से एक सिपाही और एक स्टार वाले पदाधिकारी ने उन्हें रोक लिया। स्कूटी का पेपर मांगा। कहा – मैं अस्पताल जा रही हूं, पेपर घर पर ही रह गया।
एक स्टार वाले पदाधिकारी ने बोला कि आप गाड़ी का पेपर दिखाए नहीं तो बिना पैसा दिए जाने नहीं देगें। मैंने बोला कि वरीय पदाधिकारी द्वारा आदेश दिया गया है कि कोई अस्पताल जा रहा है तो उसे परेशान नहीं किया जाए। इस पर वे बोले कि मैं यह नहीं जानता हूं, सब यही बोलता है। आपको पैसा देना ही पडेगा। चूंकि मुझे अस्पताल में डॉक्टर से मिलना था। इसलिए मैंने उनको 50 रुपया दिया, जिसके बाद तब मुझे जाने दिया गया।
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई
जांच में पाया कि अन्ना चौक पर चेकिंग के दिन एएसआई राजकुमार यादव, सिपाही संजय कुमार पांडे, सिपाही जयप्रकाश यादव तैनात थे। पीड़ित महिला को एएसआई राजकुमार यादव की तस्वीर दिखाई गई। महिला ने उसे पहचाना और 50 रुपए लेने की बात कही।
वहीं महिला ने तैनात सिपाही पर कोई दोष नहीं लगाया। राजकुमार यादव से जांच पदाधिकारी के पूछने पर स्कूटी रोकने की बात स्वीकार की परंतु रुपए लेने से इंकार किया। सिपाही संजय कुमार पांडे, सिपाही जयप्रकाश यादव ने अपने बयान में कहा कि एएसआई ने महिला को रोका। महिला रो रही थी। महिला के हाथ में 50 रुपए थे, लेकिन एएसआई को लेते हुए नहीं देखा। महिला ने हेलमेट नहीं पहना था, जबकि उसके पति ने पहना था।
एसएसपी ने यह दिया है निर्देश
किसी भी बुजुर्ग को चेकिंग के नाम पर न रोका जाए, बच्चे परीक्षा देने जा रहे हैं तो उनको परेशान न करें। महिलाओं को ट्रैफिक जांच के नाम पर न रोकें, अस्पताल जाते वक्त किसी को न रोकें, यदि कोई इमरजेंसी बता रहा है तो उनको जाने दें। हेलमेट नहीं पहना है तो उसे हेलमेट पहना कर चेतावनी देकर छोड़ा जाए।ट्रैफिक पुलिस जांच में चोरी की बाइक रोकें, नशीला पदार्थ लेकर जाने वालों को रोकें, यदि कोई आर्म्स लेकर जाने का संदेह है तो उसको रोककर दस्तावेज की जांच करें, रैश ड्राइविंग करने वाले और स्टंट करने वालों की तस्वीर खींचकर उनसे ज्यादा से ज्यादा फाइन वसूलें। कोर्ट से भी जुर्माना लगाकर सजा कराने का काम करें।