उग्रवादियों के खिलाफ ग्रामीणों का सबसे बड़ा जन आंदोलन;लोग तीर-धनुष लेकर उतरे, एक उग्रवादी को मार गिराया…! 100 से अधिक गांवों के लोग हुए एक्टिव….

 

चाईबासा।झारखण्ड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में ग्रामीणों ने पीएलएफआई उग्रवादियों के खिलाफ सबसे बड़ा जन आंदोलन छेड़ दिया है। पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी-गोइलकेरा इलाके के 100 गांवों के 15 हजार से ज्यादा ग्रामीण तीर-धनुष, तलवार और पारंपरिक हथियार के साथ सड़क पर उतर गए हैं।ग्रामीण चार दिन से इन इलाकों में पहाड़ी के 40 किमी दायरे में ऑपरेशन सेंदरा (शिकार) चला रहे हैं। इस क्रम में ग्रामीणों ने पीएलएफआई के ग्रुप लीडर मेटा टाइगर को तीर से मार गिराया है।हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।मेटा टाइगर पूर्व उग्रवादी शनिचर सुरीन (अब मृत) का भतीजा था। ग्रामीण पांच अन्य उग्रवादियों की भी तलाश कर रही है। हालांकि इनमें चार के मारे जाने की चर्चा है, लेकिन कोई पुष्टि नहीं कर रहा। ग्रामीणों के इस आंदोलन को देखते हुए तीन थानों की पुलिस सेंरेगदा में कैंप कर रही है। इधर, शनिवार को सेंरेगदा बाजार बंद रहा।

यह मामला बालू के अवैध धंधे से शुरू हुआ। बालू उठाव को लेकर उग्रवादियों ने 24 नवंबर को गिरू गांव के बिनोद तांती व घनसा टोपनो की हत्या कर दी थी। दो दिन बाद 26 नवंबर को भरडीहा बाजार में सेंरेगदा के नमन लोमगा को भी मार डाला। इन तीन युवकों की हत्या के बाद भी उग्रवादियों पर पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे नाराज ग्रामीणों ने खुद ही हथियार उठा लिया और उग्रवादियों का सेंदरा शुरू कर दिया। गौरतलब है कि जनवरी 2021 में गुदड़ी के बुरूगुलीकेरा गांव में ग्रामीणों ने सात लोगों को मार डाला था।

जन आंदोलन चला रहे गांवों में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है। गुदड़ी के 40 किमी दायरे के पहाड़ी गांवों में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है। मोबाइल लेकर आना-जाना वर्जित है। सेंदरा अभियान में शामिल लोग भी अपने पास मोबाइल फोन नहीं रख सकते। इलाके के हर गांव के हर परिवार के दो सदस्यों का इस अभियान से जुड़ना अनिवार्य है। जो परिवार नहीं जुड़ेगा, उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। उनका सामाजिक बहिष्कार भी हो सकता है। केवल शिक्षकों को गांवों में आने-जाने की छूट दी गई है। हालांकि वे भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकते। सिर्फ स्कूल आ जा सकते हैं।वहीं मीडिया को भी मोबाइल,कैमरा अन्य उपकरण पर प्रतिबंध किया है।

इस इलाके में सेंरेगदा, सौरली, टोमडेल, सिमको, गिरू, गुदड़ी, बुरूकेल, बांदू जैसे 100 से ज्यादा गांव हैं। जहां जाएंगे, ग्रामीण पारंपरिक हथियारों से लैस दिखेंगे। गुदड़ी इलाके में कोयल नदी पर कई बालू घाट हैं। घाटों से बालू उठाव में पीएलएफआई उग्रवादियों को पैसे मिलते थे। पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी और शनिचर सुरीन व जिदन गुड़िया के मारे जाने के बाद उग्रवादी यहां कमजोर हुए थे।

पीएलएफआई के एरिया कमांडर राडूंग उर्फ लंबू, मेटा टाइगर, गोमिया, मार्टिन समेत अन्य के सहयोग से गिरोह खड़ा कर लेवी वसूली और इलाके में वर्चस्व के लिए गांव के तीन निर्दोष युवकों की हत्या कर दी थी। इससे ग्रामीणों का आक्रोश भड़का और यह जन आंदोलन का रूप ले लिया। इसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से 1 दिसंबर 2024 को राडूंग उर्फ लंबू को पुलिस ने मार गिराया था।

“ग्रामीणों की ओर से उग्रवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे सेंदरा अभियान की सूचना है। जांच के लिए तीन थाने की पुलिस टीम इलाके में गई है। गोइलकेरा, गुदड़ी और आनंदपुर के थानेदार जवानों के साथ सेरेगदा में कैंप कर रहे हैं।”-आशुतोष शेखर, एसपी, चाईबासा