मुख्य सचिव ने उद्योग विभाग की चल रही योजनाओं और आगामी कार्ययोजना की समीक्षा की।
प्रशिक्षण को रोजगारपरक बनाए, जरूरत हो तो नया ट्रेड शामिल करें
उद्योग विभाग इनोवेटिव आइडिया के साथ आगे बढ़े
उद्योग विभाग को चल रही योजनाओं पर इस वित्तीय वर्ष के लिए मिला टास्क
रांचीः मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी ने उद्योग विभाग को कहा है कि वह ऐसे इनोवेटिव आइडिया के साथ आगे बढ़े, जिससे आम जन का हित सधता हो। उन्होंने उद्योग विभाग द्वारा दिए जा रहे विभिन्न ट्रेडों के प्रशिक्षण को लेकर कहा कि आम जन को केंद्र में रखें, इससे योजनाएं जनहित का रूप लेंगी। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना के लिए होने वाला कार्य के माध्यम से मात्र वेतन, भत्ता, कार्यालय व्यय, मानदेय आदि में व्यय करना ही पर्याप्त नहीं है, अपितु उस योजना से उसके उद्देश्य की प्राप्ति भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मूल उद्देश्य तथा उपलब्धि अथवा परफार्मेंस का पैमाना यह होना चाहिए कि उस योजना या प्रशिक्षण से कितने लोगों के लिए आय के स्रोत सृजित हुए। कितने स्वरोजगार शुरू हुए। कितने लोगों को नौकरी मिली। यही प्रत्येक योजना के मूल्यांकन का आधार हो। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी झारखंड मंत्रालय में उद्योग विभाग की चल रही योजनाओं और आगामी कार्ययोजना की समीक्षा कर रहे थे।
कार्य के हित में बोर्ड-निगमों रखें और लाभकारी बनाएं
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि उद्योग विभाग कार्य के हित में बोर्ड-निगमों रखें और लाभकारी बनाएं। आवश्यकता हो तो एक दूसरे में समाहित कर उसे लाभकारी बनाए। उन्होंने बोर्ड-निगमों से आम लोगों को मिलने वाले लाभ का आकलन करने का निर्देश दिया। कहा, आकलन में इस पर फोकस करें कि लोगों की आमदनी बढ़ने और मिलने वाले रोजगार को केंद्र में रखें। इसमें और आगे और क्या किया जाए कि ज्यादा से ज्यादा जनहित सध सके। इसी उद्देश्य के साथ बोर्ड-निगमों का पैमाना तय करें। उन्होंने कर्मियों को आउटपुट के आधार पर रखने का का निर्देश दिया।
हर प्रखंड व जिले में हर योजना जरूरी नहीं
मुख्य सचिव ने कहा है कि हर योजना को हर प्रखंड और जिले में लागू करने की जगह यह तय करें कि वह कहां ज्यादा लाभदायक साबित हो सकता है। इसका आधार क्षेत्र विशेष में सुलभ कच्चा माल, श्रम शक्ति और बाजार आदि हो सकते हैं। उन्होंने प्लास्टिक पार्क पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। कहा, प्लास्टिक के क्षेत्र में प्रशिक्षण के बाद रोजगार के काफी अवसर हैं। प्रशिक्षण देने वाली एजेंसी ही काम भी जल्द दिला देती है। उन्होंने आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने का निर्देश देते हुए सिंगल विंडो सिस्टम पर भी लगातार नजर बनाए रखने को कहा। साथ ही, रेशम कुकून के उत्पादन और उससे धागा निर्माण के बाद उस धागे से बुनाई करने का भी निर्देश दिया।
मुख्य सचिव ने उद्योग विभाग को चल रही योजनाओं पर कार्य के लिए जनवरी से मार्च तक का टास्क दिया
•खाद्य प्रसंस्करण आधारित वैसे 44 इकाइयों जिन्हें भूमि आवंटित है, उनमें मार्च तक उत्पादन सुनिश्चित कराएं।
•नई औद्योगिक इकाइयों को भूमि आंवटन की प्रक्रिया फरवरी तक पूरी करें।
•झारखंड इंस्टीच्यूट ऑफ क्राफ्ट एंड डिजायन के विभिन्न पाठ्यक्रमों की शुरूआत करें।
•राज्य में चल रही समर्थ योजना के तहत् बुनकरों में 700 लोगों को हस्तशिल्प का प्रशिक्षण, 100 बुनकरों को लूम का प्रशिक्षण, 4400 रेशम उत्पादकों को उन्नत कीट पालन तकनीक का प्रशिक्षण और 11 हजार तसर पालकों को ग्रीन सिम कार्ड दें। वैज्ञानिक विधि से लाह की खेती का प्रशिक्षण, 20 हजार हस्तशिल्पियों को आर्टिसन कार्ड देने के लिए आवेदन लेंना, लाह मूल्य संवर्धन में प्रशिक्षण, ज्वेलरी, बांस, लाह निर्मित सामान, वुड क्राफ्ट, टरेकोटा आदि क्षॆत्रों के लिए कलस्टर निर्माण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दें, माटी शिल्पियों को प्रशिक्षण, 500 विद्युत चाक, 50 पगमील और 50 जीगर जौली का वितरण और नये सामान्य सुलभ केंद्र (सीएफसी) का संचालन और तसर रीलिग में तीन माह का प्रशिक्षण दें।
अनावश्यक बैंक अकाउंट बंद करेः खंडेलवाल
योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल ने बैंकों से फर्जी निकासी की बढ़ती घटनाओं पर रोकथाम के लिए निर्देश दिया है कि सभी विभाग अपने अनावश्यक बैंक अकाउंट को बंद करें। जो जरूरी अकाउंट हैं उनकी लगातार मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी से बचने के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं, लेकिन सतर्कता जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी बैंकों को ताकीद किया जा चुका है कि वे किसी भी तरह के सरकारी पैसे के संदिग्ध लेन-देन की अविलंब सूचना मुहैया कराएं।
बैठक में ये थे मौजूद
मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न समीक्षा बैठक में योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री के के खंडेलवाल, उद्योग सचिव श्री के रवि कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।