राँची के बड़गाईं वाली जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की थी तैयारी,विनोद ने हेमंत सोरेन के साथ साझा किया था नक्शा,हेमन्त सोरेन अपना मोबाइल देने के लिये बना रहा बहाना….!
राँची।झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सबूतों की झड़ी लगा दी है।रिमांड नोट के मुताबिक बड़गाई अंचल की जिस जमीन को अपनी जमीन मानने से हेमंत सोरेन इनकार कर रहे हैं, उसी जमीन पर वह बैंक्वेट हॉल बनाना चाहते थे।इसके लिए आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह ने उनके साथ बैंक्वेट हॉल का नक्शा भी साझा किया था।
दोनों के बीच हुई चैटिंग की स्क्रूटनी करने पर एजेंसी को यह तथ्य हाथ लगा है। एजेंसी का दावा है कि बड़गाई अंचल की 8.5 एकड़ जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने के लिए विनोद कुमार सिंह ने 6 अप्रैल 2021 को हेमंत सोरेन को नक्शा भेजा था। इससे साफ है कि संबंधित जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध रुप से कब्जा था। एजेंसी के रिमांड नोट के मुताबिक पीएमएलए के सेक्शन 16 के तहत 10 फरवरी 2024 को बड़गाईं अंचल के कर्मियों मसलन, अमिन, विनोद सिंह, भानु प्रताप की मौजूदगी में संबंधित प्लॉट का सर्वे किया गया था।
आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह ने बैंक्वेट हॉल का जो नक्शा शेयर किया है वह 8.5 एकड़ जमीन के लिहाज से ही तैयार किया गया था।जांच में पता चला है कि उस इलाके में इतना बड़ा खाली प्लॉट है ही नहीं। इससे साफ है कि उसी 8.5 एकड़ जमीन पर बैंक्वेट हॉल के लिए वृहद कंस्ट्रक्शन करने की तैयारी थी।
तीसरी बार रिमांड मांगने के लिए ईडी की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि पहले समन के दिन से ही हेमंत सोरेन अपने पावर का गलत इस्तेमाल कर साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे।एजेंसी का कहना है कि इतने दिनों से जारी पूछताछ के दौरान हेमंत सोरेन कई चीजों को छिपा रहे हैं। वह एजेंसी के साथ को-ऑपरेट नहीं कर रहे हैं। ईडी ने कोर्ट से कहा है कि पूछताछ के दौरान कई तार आपसे जुड़े हुए मिले हैं। इसी वजह से 7 फरवरी को एक बार फिर छापेमारी की गई थी।
ईडी का कहना है कि हेमंत सोरेन से उस मोबाइल को मांगा गया है जिसके जरिए उन्होंने अपने करीबी आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह के साथ चैटिंग की थी। लेकिन वह लगातार बहाना बना रहे हैं।ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि बड़गाई में 8.5 एकड़ वाले प्लॉट पर बैंक्वेट हॉल बनाने और विशाल स्ट्रक्चर खड़ा करने से जुड़ी लंबी चौड़ी चैटिंग हुई है।