एसएसपी एचपी जनार्दन का नया अंदाज:न पैरवी,न परिक्रमा,न पैसा और न प्रतीक्षा,धड़ाधड़ पोस्टिंग…

धनबाद।झारखण्ड के कोयला की राजधानी के नाम फेसस धनबाद जिले के नये एसएसपी हृदीप पी जनार्दनन रोज अपने फैसलों से जहां विभाग और आम जनता का दिल जीत रहे हैं,वहीं आलोचकों के मुंह पर ताला भी लगा रहे। एसएसपी ने जिले में पहली बार थानेदारों की पोस्टिंग में ऐसा आदेश जारी किया, जिस पर एक बार में किसी को यकीन ही नहीं हो सका।जिस जिले में थानेदारों की पोस्टिंग के लिए पैरवी और बोली लगती थी।लेकिन धनबाद के वर्तमान एसएसपी हृदीप पी जनार्दनन यानी कड़क मिजाज,ईमानदार,काम के प्यारे,और फौरी न्याय के न्यारे। रोज अपने काम करने के लाजवाब तरीकों से जहां विभाग और आम जनता का दिल जीत रहे हैं, वहीं आलोचकों के मुंह पर ताला भी जड़ रहे हैं। एसएसपी ने जिले में पहली बार थानेदारों की पोस्टिंग में ऐसा आदेश जारी किया, जिस पर एक बार में किसी को यकीन ही नहीं हो सका।पोस्टिंग के लिए न पैरवी न पैसा और न परिक्रमा न प्रतीक्षा।

लोकसभा चुनाव से पूर्व स्टेट पुलिस में करीब 350 पुलिस इंस्पेक्टर और 2703 सब इंस्पेक्टर्स का तबादला हुआ है। हालांकि,राज्य में जितनी जल्दी धनबाद में पुलिस इंस्पेक्टरों को थाना सौंपे गए,वह अपने आप में चर्चा का विषय बना है। एसएसपी ने नौ इंस्पेक्टरों को विभिन्न पुलिस स्टेशन व पुलिस सर्किल में पोस्टिंग किया है। इनमें जिले के टॉप व क्रीम पुलिस स्टेशन माने जानेवाले गोविंदपुर,निरसा, कतरास पुलिस स्टेशन अफसर भी शामिल हैं। विभाग में अचरज का विषय यह बना हुआ है कि जिन लोगों ने आज तक धनबाद में ठीक एसएसपी कोठी भी नहीं देखी, उन्हें इतनी जल्दी ‘क्रीम थाना’ समझे जाने वाले इन थानों की थानेदारी कैसे मिल गई।

पोस्टिंग की टेलीफोनिक जानकारी मिलने पर जीटी रोड के थानेदारों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनको जिम्मेवारी मिल गयी है। विभाग के लोग कह रहे कि ऐसा तो लगभग एक डेढ़ दशक पूर्व तत्कालीन एसपी रहे आईपीएस कर्मठ व ईमानदार अफसरों के समय में ही देखने को मिला था। इसके बाद तो परंपरा यह बन गई कि जो एसपी आवास की परिक्रमा करता था, चार-पांच जगहों से पैरवी पत्र लाता था, मोटी रकम खर्चा करता था,उसे ही इन थानों में भेजा जाता था। वर्तमान एसएसपी के इस निर्णय की तारीफ करते उनके आलोचक भी नहीं थक रहे।

जो कॉन्फिडेंट थे,वह खड़े हैं कतार में…

सिर्फ काम के आधार पर थानेदारी देने के ही एसएसपी के निर्णय की तारीफ नहीं हो रही, बल्कि यह भी चर्चा का विषय बना है कि जो अपनी राजनीतिक पकड़ व अन्य कारणों से बेहतर जगह प्रतिनियुक्ति को लेकर पहले से कॉन्फिडेंट थे, वह अभी एसएसपी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में विभागीय पदाधिकारी और कर्मी ही उम्मीद जता रहे हैं कि जल्द जिले की पुलिसिंग में नये बदलाव और सुधार देखने को मिलेंगे।

1994 बैच के पुलिस इंस्पेक्टर रविकातं प्रसाद को गोविंदपुर थानेदार बनाया गया है। 2012 बैच के पुलिस इंस्पेक्टर मंजीत कुमार को निरसा थाना प्रभारी व असीत कुमार सिंह को कतरास थाना प्रभारी बनाया गया है। पुलिस इंस्पेक्टर संजय कुमार को तोपचांची का जिम्मा दिया गया है।वहीं,धनबाद ट्रांसफर होकर आए इंस्पेक्टर मंजीत कुमार को निरसा थाना का नया प्रभारी बनाया गया है तो वहीं संजय कुमार को तोपचांची थाना प्रभारी, रामनारायण ठाकुर को केंदुआडीह थाना प्रभारी, मनोज पांडेय को धनसार थाना प्रभारी व प्रमोद पांडेय को साइबर थाना प्रभारी बनाया गया है। पुलिस इंस्पेक्टर साजिद हुसैन टुंडी सर्किल इंस्पेक्टर व झारखण्ड पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री अक्षय राम को निरसा सर्किल इंस्पेक्टर की जिम्मेवारी दी गयी है। ये सभी दूसरे जिले से ट्रांसफर होकर धनबाद जिला बल में आये हैं