रामगढ़:गर्भवती महिला सहित तीन लोगों के हत्यारे आरपीएफ जवान को फांसी की सजा, गर्भवती सहित पाँच लोगों को गोली मार दिया था…..
◆जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शेष नाथ सिंह ने फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. पवन के ऊपर तीन लोगों की हत्या का आरोप था।
रामगढ़।झारखण्ड के रामगढ़ जिले में चर्चित हत्याकांड मामले में आरोपी आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह को कोर्ट ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई है।रामगढ़ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शेष नाथ सिंह ने भारतीय दंड संहिता 302 के तहत यह सजा सुनाई। साथ ही 307 में 10 हजार का जुर्माना भी लगाया।बता दें। पवन को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर घटना के नौ महीने बाद बरकाकाना जीआरपी थाना की पुलिस ने नाटकीय ढंग से उसे गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी उसके पैतृक गांव से थी।रिमांड में लेने के बाद आरोपी पवन को जेल भेज दिया गया था।बिहार के आरा जिले के करथ गांव से 22 मार्च 2020 उसकी गिरफ्तारी हुई थी।
बता दें रामगढ़ जिले के बरकाकाना क्षेत्र में आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह सेवा दे रहे थे। 17 अगस्त 2019 को उन्होंने सर्विस रिवाल्वर से रेलकर्मी के परिवार के पांच सदस्यों को गोली मार दी थी। जिसमें गर्भवती महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी।परिवार के दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पवन ने गर्भवती वर्षा उर्फ मीना देवी, रेलकर्मी अशोक राम और पत्नी लीलावती देवी की हत्या कर दी थी।इस गोलीकांड में सुमन कुमारी और संजय राम जख्मी हुए थे।घटना 17 अगस्त की रात बरकाकाना जीआरपी क्षेत्र के गांधी मैदान रेलवे क्वार्टर में घटी थी।इसी में तीन लोगों की हत्या पवन ने कर दी थी।सिरफिरे जवान पवन ने घर के मालिक रेलवे कर्मी अशोक राम, उसकी पत्नी लीलावती, शादीशुदा पुत्री वर्षा देवी उर्फ मीना, पुत्र संजय राम और एक पुत्री सुमन कुमारी को घर में घुसकर गोली मार दी थी, जिसमें रेलवे पोर्टर अशोक राम, उसकी पत्नी लीलावती, शादीशुदा गर्भवती पुत्री मीना उर्फ वर्षा की मौत हो गई थी।
पूरे मामले में आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह को 13 मार्च को दोषी करार दिया था।रामगढ़ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शेष नाथ सिंह के न्यायालय ने दोषी पाया था।केस में 16 मार्च को सजा सुनाई गई।फाइल फोटो