झारखण्ड के “बजरंगी भाई” बाल संरक्षण कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार को कैमूर रत्न अवार्ड

राँची। झारखण्ड के बाल संरक्षण के कार्यकर्ता श्री बैद्यनाथ कुमार को बिहार के कैमूर में एक कार्यक्रम के दौरान कैमूर रत्न अवार्ड से नवाजा गया है। श्री बैद्यनाथ कुमार को यह अवार्ड खनन मंत्री श्री ब्रिज किशोर के हाथों प्रदान किया गया। चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट बैद्यनाथ कुमार को यह अवार्ड पांच हजार से ज्यादा बच्चों को मानव तस्करों या अन्य समस्याओं से मुक्त कराने की बड़ी उपलब्धि के लिए दिया गया है।

कैमूर रत्न अवार्ड

कैमूर रत्न अवार्ड वितरण कार्यक्रम माई मुंडेश्वरी ट्रस्ट के तत्वाधान में आयोजित की गई थी। यह कार्यक्रम कैमूर के लिच्छवी भवन में 9 फरवरी दिन रविवार को आयोजित की गई थी। कैमूर रत्न अवार्ड के लिए बिहार और झारखण्ड सहित अन्य राज्यों से समाज कल्याण, शिक्षा, साहित्य, उद्योग, खेलकूद, संगीत, राजनीति एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों का चयन किया गया था। कार्यक्रम में बिहार सरकार के खनन एवं भुतत्व विभाग के मंत्री श्री बृजकिशोर बिंद, बिहार के डीजीपी श्री गुप्तेश्वर पांडेय के साथ कैमूर के जिला पदाधिकारी श्री डॉ नवल किशोर चौधरी उपस्थित थे।

कौन हैं बैद्यनाथ कुमार?

बाल अधिकार और बाल संरक्षण कार्यकर्ता श्री बैद्यनाथ कुमार बताते हैं कि वे 7 वर्ष की उम्र में बिहार के समस्तीपुर से पढ़ाई करने के लिए रांची आए थे, लेकिन गरीबी में मां-बाप की मजबूरी के कारण 7 वर्ष की उम्र से ही बाल मजदूरी करते करते पढ़ाई किया। इनका बाल्य काल काफी संघर्ष पूर्ण रहा है। ईंट भट्ठा में काम, होटल में चाय पिलाने, जूठे बर्तन आदि धोने का भी काम किया। काम करते करते ही इन्होंने बच्चों के अधिकार को जाना और अब तक करीब 5000 से अधिक बाल श्रम और ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चे बच्चियों को मुक्त कराया है। झारखंड में 220 से ज्यादा मानव तस्करी से संबंधित कांड दर्ज करवाने में योगदान दिया है। 240 प्लेसमेंट एजेंसी जिनकी गतिविधि संदिग्ध थी उनके लिस्ट तैयार कर सरकार को उपलब्ध कराया है कार्रवाई के लिए। बैद्यनाथ कुमार के द्वारा मानव तस्करी में लिप्त 36 किन-पिन कुख्यात मानव तस्कर पन्नालाल, गायत्री साहू, सुनीता देवी, बाबा बामदेव, व अकाश राठी जैसे मानव तस्करों को गिरफ्तार कराने में अहम भूमिका निभाई है। झारखंड एवं राज्य के बाहर करीब 116 मानव तस्कर एजेंट को पुलिस ने गिरफ्तार करवाने में अहम भूमिका निभाई है।

अबतक इन अवार्डों से अलंकृत हो चुके हैं बैद्यनाथ कुमार

बैद्यनाथ कुमार के कार्यों को कई मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है। जिनमें लोक सेवा समिति रांची के द्वारा झारखंड रत्न अवार्ड 2016, यूनाइटेड स्टेटस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम 2018, झारखंड इंटेलेक्चुअल फोरम मुंबई के द्वारा झारखंड गौरव अवार्ड 2018, और नेशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया नई दिल्ली के द्वारा रत्न श्री सी सुब्रमण्यम अवार्ड 2019 शामिल है।

बैद्यनाथ कुमार को कानून की है अच्छी जानकारी है

पिछले 16 सालों से बैद्यनाथ कुमार मानव व्यापार, बाल तस्करी, बाल मजदूरी, बाल विवाह एवं बाल अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। आज बैद्यनाथ कुमार के बदौलत मानव तस्करी एक सामूहिक मुद्दा बन चुका है। लोगों के सहयोग से तस्करी के मामलों में कमी आई है। बैद्यनाथ कुमार को किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2000, एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख) और संरक्षण अधिनियम 2015, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2018, चाइल्ड लेबर एक्ट 1986, चाइल्ड लेबर एक्ट 2016 एवं 2017 की काफी अच्छी जानकारी है। इन्हीं कानूनों का सहारा लेकर वह अब तक हजारों बच्चों के मदद कर चुके हैं।