Jharkhand:मोरहाबादी मैदान में पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे सैकड़ों सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन स्थगित,मंत्री मिथिलेश ठाकुर से वार्ता के बाद स्थगित किया गया,सभी को बसों से भेजा गया।
राँची।सहायक पुलिस कर्मियों द्वारा अपनी मांग को लेकर पिछले 12 दिनों से आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों ने मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर से वार्ता के बाद अपने आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सहायक पुलिसकर्मियों से वार्ता के लिए पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर को जिम्मेवारी सौंपी थी। मंत्री ने खुद शनिवार को राँची के मोरहाबादी मैदान स्थित जाकर आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों से मुलाकात की थी, लेकिन तब बातचीत बेनतीजा साबित हुई थी, इसके बाद मंत्री और आंदोलनकारी पुलिसकर्मियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई और बुधवार को सहमति बनने के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने अपने आंदोलन को स्थगित अपने जिले को वापस लौटने का निर्णय लिया।
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार ने इन सहायक पुलिसकर्मियों को दो वर्ष का सेवा विस्तार का निर्णय लिया है, इस संबंध में जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों की अन्य मांगों पर जल्द ही उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया जाएगा, सरकार उनकी हर मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए तैयार है।
वहीं मंत्री से बातचीत करने पहुंचे सहायक पुलिसकर्मियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि सरकार की ओर से उन्हें दो वर्ष का सेवा विस्तार का भरोसा दिलाया गया है, साथ ही सेवा स्थायीकरण समेत अन्य मांगों पर लेकर सौंपे गये ज्ञापन पर मुख्यमंत्री से बाद में चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि अभी सहायक पुलिसकर्मी अपने आंदोलन को स्थगित कर रहे है,यह आंदोदन समाप्त नहीं हुआ है।सरकार से मिले आश्वासन के बाद वे अपने जिलों में वापस लौट रहे है,10-15 दिनों बाद उनके प्रतिनिधियों को फिर से बुलाया जाएगा और वे मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बातों को रखेंगे। मंत्री से वार्ता के बाद मोरहाबादी मैदान में 12 दिनों से डटे सहायक पुलिसकर्मियों को मिठाई खिलाकर उनके आंदोलन को समाप्त कराया गया और उन्हें वापस उनके जिलों में भेज दिया गया।
गौरतलब है कि पदयात्रा करते हुए राज्य के 13 नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से करीब 2500 अनुबंधित सहायक पुलिसकर्मी सेवा स्थायीकरण की मांग को लेकर राजधानी राँची पहुंचे थे। इस दौरान आंदोलन के क्रम में विधि व्यवस्था भंग करने के आरोप में इन सहायक पुलिसकर्मियों पर लालपुर थाने में दो मामले भी दर्ज किये गये है,वहीं पुलिस लाठीचार्ज में कई सहायक पुलिसकर्मी घायल भी हो गये थे।