JHARKHAND:राज्य सरकार के twitter पर कार्य करने की शैली को विपक्ष तो जबाब देते आ रहे हैं,अब सत्ता पक्ष के विधायक भी twitter पर …
राँची।राज्य में सत्तारूढ़ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के भितरखाने सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है। झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की बड़ी बहू और जामा से पार्टी की विधायक सीता सोरेन नाराज हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ साजिश चल रही है। गुरुवार को उन्होंने अपनी नाराजगी खुलकर व्यक्त की और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन को एक पत्र भी लिखी।वहीं दूसरे दिन यानी आज शुक्रवार को उन्होंने रोजगार और अन्य मुद्दों पर जेएमएम के जामा विधायक सीता सोरेन ने मोर्चा खोल दिया है।कल उन्होंने पार्टी के महासचिव पर शाजिस का आरोप लगाई।आज उन्होंने दैनिक अखबार में छपी ख़बर को पोस्ट कर उन्होंने आज फिर ट्विटर पर लिखीं है की झारखण्ड में स्थानीय युवा और बेरोजगार छात्र छात्राओं के हक की आवाज बनकर आगे बढ़ चली हूँ।दूसरी ट्वीट में उन्होंने तो टकराने की बात लिख दी है।
दोनों ट्वीट इस तरह है।
“झारखंड के स्थानीय युवा साथियों बेरोजगार छात्र छात्राओं के हक की आवाज बनकर मैं आगे बढ़ चली हूं।मुझे मेरे पति आदरणीय स्वर्गीय दुर्गा सोरेन जी की बात याद है अगर जनता की भलाई हो तो पहले उस कार्य को करो जनसेवक को अंजाम की परवाह नहीं करनी चाहिए गलत सही का फैसला जनता जनार्दन करती हैं।”
उन्होंने दूसरा ट्वीट में लिखीं हैं-
“उसूलों पर अगर आंच आए तो टकराना जरूरी है,अगर जिंदा हो, तो जिंदा नजर आना जरूरी है।
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ये इक चराग़ कई आँधियों पे भारी है।
🇮🇳।। सत्यमेव जयते ।🇮🇳 “
इधर विधायक की बेटी ने भी ट्वीट की है “”मुझे आज यह देखकर बेहद दुख हो रही है। मेरी मम्मी @JmmJharkhand पार्टी की सीनियर विधायक @SitaSorenMLA जी के द्वारा लिखे गए खत को 18 घंटे से ज्यादा वक्त हो गया है पर इस मामले में अभी तक कोई एक्शन संज्ञान नहीं लिया गया है इस खामोशी का क्या तात्पर्य है ?”
बता दें विधायक सीता सोरेन ने इससे पहले दुमका जिला में सड़क की स्थिति पर अपने ही सरकार पर सवाल की थी।गुरुवार को उन्होंने महासचिव विनोद पांडेय पर शाजिस का आरोप लगाते हुए एक पत्र जारी की।उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ साजिश चल रही है। गुरुवार को उन्होंने अपनी नाराजगी खुलकर व्यक्त की और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन को एक पत्र भी लिखा। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी महासचिव विनोद पांडेय मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं।वे जिस पार्टी कार्यकर्ता से मुलाकात करती हैं, उन्हें संगठन से निष्कासित कर दिया जाता है। दावा किया कि झामुमो को कुछ चंद लोग अपनी जेबी संस्था बनाने की मंशा से कार्य कर रहे हैं। सीता सोरेन ने लिखा है-पार्टी गुरूजी (शिबू सोरेन) और मेरे पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन के खून-पसीने से सींची गई है। सीता सोरेन के मुताबिक कुछ दिनों पहले चतरा के आम्रपाली परियोजना के विस्थापितों के निमंत्रण पर वह सीसीएल के खिलाफ बैठक में शामिल होने के लिए गई थी।उसी दौरान विनोद पांडेय के इशारे पर वहां के जिला अध्यक्ष पंकज कुमार प्रजापति ने सभी पार्टी के कार्यकर्ताओं को मुझसे मुलाकात नहीं करने का फरमान सुनाया। इस दौरान मुझसे मिलने वाले सभी कार्यकर्ताओं को साजिश के तहत आरोप लगाते हुए विनोद पांडेय के आदेश पर वहां के जिलाध्यक्ष द्वारा निष्कासित कर दिया गया, जो कि अनुचित है। आरोप लगाया कि उनके खिलाफ भी विनोद पांडेय ने केंद्रीय कार्यालय के नाम कुछ लिखवा कर रखा है। सीता सोरेन ने ने आग्रह किया है कि केंद्रीय महासचिव होने के नाते उनकी बातों को पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन संज्ञान में लें।
मुझे नहीं पत्र की जानकारी विनोद पांडेय
इधर सीता सोरेन के पत्र को लेकर पार्टी महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। सीता सोरेन पार्टी की विधायक हैं। उन्होंने अध्यक्ष को सीधे पत्र लिखा है। अगर अध्यक्ष के स्तर से उनसे पूछा जाएगा तो पार्टी फोरम पर इसका जवाब देंगे।
कहीं हेमंत सोरेन पर निशाना तो नहीं
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा में सीता सोरेन की गतिविधियों को लेकर अलग-अलग बातें हो रही है। पत्र को झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ अप्रत्यक्ष हमले के तौर पर भी देखा जा रहा है। झामुमो महासचिव विनोद पांडेय हेमंत सोरेन के विश्वस्त हैं और सांगठनिक मामलों में उनकी गहरी पकड़ है। सीता सोरेन पूर्व में भी अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी लगातार सार्वजनिक मंच से नाराजगी व्यक्त करती रहीं हैं। कुछ दिनों पूर्व गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी सीता सोरेन का समर्थन करते हुए कहा था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा उनकी विरासत है और उन्हें इसे संभालने के लिए आगे आना चाहिए।
ये सब घटना से राजनीति के गलियारे में हलचल बढ़ गई है।क्योंकि अभी राज्य में दो विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं।और सत्ता पक्ष के कई विधायकों में नाराजगी से राजनीति हलचल तेज है।बता दें इससे पहले सरकार में भागीदारी निभा रहे है कांग्रेस पार्टी के भी कई विधायक ने अपने ही सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जता चूका है।