Ranchi:तबियत बिगड़ने पर नशा मुक्ति केंद्र संचालक ने युवक को पुल के नीचे फेंक कर फरार हो गया था ! एकलौता बेटा था,ठीक होने के लिए नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था
मृतक युवक के परिजन
राँची।तुपुदाना ओपी के शतरंजी ब्रिज के नीचे जिस 21 साल के युवक का शव मिला था, उसकी पहचान शुक्रवार को हो गई है। मृतक बिहार के गया टाउन का रहने वाला था। उसका नाम सन्नी था, जो उसके दांए हाथ में गुदा हुआ था। सन्नी को उसके घर वालों ने नौ जुलाई को खटंगा खेलगांव स्थित नशा मुक्ति केंद्र (रिहैब रिवाइव फाउंडेशन) में भर्ती कराया था। लेकिन उसकी मौत हो गई। मौत कैसे हुई अबतक इसका खुलासा नहीं हो सका है। लेकिन सन्नी की मौत के बाद नशा मुक्ति केंद्र के संचालक कमलेश यादव और प्रियांशु सील सन्नी के परिजनों व पुलिस से मिलने की जगह फरार हो गए है। इधर सन्नी के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अपने 21 साल के बेटे को गया से लाकर राँची के खटंगा स्थित नशा मुक्ति केंद्र में 9 जुलाई को भर्ती कराया था। लेकिन केंद्र वालों ने उसकी तबियत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाने की जगह उसे मार शव को तुपुदाना के शतरंजी ब्रिज के नीचे फेंक फरार हो गए। अगर उसकी मौत इलाज के दौरान हुई होती तो संचालक भागते नहीं। इधर तुपुदाना ओपी प्रभारी कन्हैया सिंह ने कहा कि संचालकों के फरार होने के बाद मामला संदिग्ध लग रहा है। उसके परिजनों के बयान के आधार पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। जिसकी जांच की जा रही है।
इकलौता बेटा था सन्नी, चार अगस्त को केंद्र से गया था फोन, बताया था भाग गया है बेटा
शुक्रवार को मृतक सन्नी के परिजन गया से राँची पहुंचे। फिर परिजन तुपुदाना ओपी पुलिस के साथ खटंगा स्थित नशा मुक्ति केंद्र पहुंचे। जहां भर्ती दो मरीजों ने बताया कि चार अगस्त की रात 8 बजे सन्नी की तबियत बिगड़ी थी। इसके बाद कमलेश यादव और प्रियांशु सील उसे लेकर रात में यह कहकर निकले की अस्पताल ले जा रहे है। लेकिन रात में बिना सन्नी को लिए लौटे। सन्नी के साथ क्या हुई इसके बारे में कोई जानकारी तक किसी को नहीं दी गई। फिर अचानक कमलेश यादव और प्रियांशु केंद्र से फरार हो गए। वहां भर्ती 17 मरीजों में से 15 मरीज भी सन्नी की मौत की खबर पता चलने के बाद वहां से डर से भाग निकले। इधर मृतक के परिजनों ने बताया कि चार अगस्त की रात 8.15 बजे केंद्र से फोन आया कि सन्नी भाग गया है। केंद्र की ओर से बताया गया कि उसकी तबियत बिगड़ी थी। उसके पेट में दर्द था। वह उल्टी कर रहा था। इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। रास्ते में सन्नी ने कहा की उसे टॉयलेट जाना है। गाड़ी से उतर कर वह टॉयलेट करने गया और फिर भाग गया। कहां गया इसका किसी को पता नहीं चला।
इलाज के लिए 12 हजार रुपए का खर्च बताया गया था केंद्र ने
सन्नी के परिजनों ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र की ओर से इलाज का खर्च 12 हजार रुपए बताया गया था। आठ हजार रुपए परिजनों ने सन्नी को भर्ती कराने के समय जमा कराए थे। सन्नी के पिता नहीं है। घर का वह इकलौता बेटा था। इलाज के लिए केंद्र के बारे में जानकारी परिजनों ने नेट से खोजा था। इसके बाद नौ जुलाई को राँची खटंगा लाकर उसे भर्ती कराया गया था।