मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव का फर्जी हस्ताक्षर कर राजकीय पिछड़ी जाति आवासीय प्लस टू बालिका विद्यालय में नामांकन के लिए कल्याण विभाग को भेजा फर्जी लेटर,छात्र नेता गिरफ्तार,कैफे संचालक फरार
रोहित सिंह।।राँची
राँची।मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव के फर्जी हस्ताक्षर से कल्याण विभाग में लेटर भेजकर पिछड़ी जाति आवासीय प्लस टू बालिका विद्यालय में नामांकन कराने का मामला सामने आया है। इस मामले में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में गोंदा थाना की पुलिस ने छात्र नेता मुकेश कुमार महतो को गिरफ्तार किया है।जबकि सायबर कैफ़े संचालक असीत कुमार फरार है। दोनों बुंडू के रहने वाले है। गोंदा के थाना प्रभारी रवि ठाकुर ने बताया कि थाने में एक सनहा मिला था, जिसमें जाली पत्र बनाकर नामांकन कराने की सूचना मिली थी। उक्त सनहा की जब जांच की गई तो पता चला कि जारी किया गया पत्र मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से निर्गत नहीं किया गया है।
नामांकन के ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई की बुंडू के रहने वाले मुकेश कुमार महतो ने राजकीय पिछड़ी जाति आवासीय प्लस टू विद्यालय जेल मोड रांची में नामांकन कराने के लिए अपनी भगिनी को परीक्षा दिलाया था। लेकिन वह परीक्षा में सफल नहीं हो पाई। इसके बाद गणेश महतो काफी परेशान हो गए। उनकी मुलाकात बुंडू कॉलेज के छात्र नेता मुकेश कुमार महतो से हुई। मुकेश महतो ने बताया कि अगर मुख्यमंत्री का लेटर मिल जाता है तो उक्त विद्यालय में नामांकन हो जाएगा। इसके बाद एक आवेदन मुकेश महतो द्वारा मुख्यमंत्री सचिवालय कांके रोड में दिया गया और उसकी रिसीविंग कराई गई। पुलिस ने जब इस मामले में गणेश महतो से बुंडू में संपर्क किया और पूछताछ की तो उनके द्वारा बताया गया कि मुकेश महतो द्वारा मुख्यमंत्री सचिवालय में आवेदन दिया गया था। जांच में यह सामने आया कि असीत कुमार द्वारा ₹100 लेकर झारखंड सरकार के लेटर हेड पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का फर्जी हस्ताक्षर कर उपनिदेशक कल्याण रांची को एडमिशन के लिए पत्र लिखावाया गया। उसे व्हाट्सएप के माध्यम से उपनिदेशक कल्याण रांची को भेजा गया। झारखंड सरकार के लेटर हेड पर मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव के फर्जी हस्ताक्षर से कल्याण विभाग रांची को नामांकन के लिए लेटर तैयार करवाया गया। जिसे लेकर विकास आयुक्त कार्यालय में जमा किया गया था। जांच के क्रम में मुकेश महतो को पूछताछ के लिए थाना लाया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री के आप्त सचिव झारखंड सुनील कुमार श्रीवास्तव के नाम से जमा किए पत्र पूरी तरह से फर्जी है और उस पर फर्जी हस्ताक्षर कर नामांकन कराने का प्रयास किया गया।