#अनलॉक-4:सिर्फ राज्य के भीतर चलेंगी बसें,कोरोना पॉजिटिव या सैंपल दिये व्यक्ति रिपोर्ट आने तक नहीं कर सकेंगे यात्रा,झारखण्ड सरकार ने बस संचालन को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है,जानिये और क्या हैं नियम…
राँची।झारखण्ड सरकार ने राज्य के भीतर बस संचालन को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है।परिवहन विभाग सचिव के रविकुमार ने आदेश जारी किया है।बस संचालन को लेकर कई शर्तें भी रखी गयी हैं।वहीं आदेश में कहा गया है कि पूर्व में निजी वाहन और किराये के वाहन से यात्रा करने की अनुमति और शर्तें पूर्व की तरह ही रहेंगी।परिवहन विभाग ने बस संचालक और यात्री दोनों के लिए दिशा-निर्देश जारी किये हैं।जिनका पालन करना अनिवार्य होगा।
विभाग की ओर से तय शर्तों के मुताबिक किसी भी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति तथा जिन व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट सैंपल लिया गया है, उन्हें टेस्ट रिपोर्ट आने तक यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।परिवहन विभाग द्वारा रजिस्टर्ड और जिन बसों का रूट निर्धारित किया गया है, वे ही बसें चल सकती हैं।बसें अपनी परमिट प्राप्त रूटों पर ही चलायी जायेंगी। साथ ही परमिट में आवंटित ठहराव स्थल पर ही रुकेंगी। इसका पालन नहीं करने पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट एवं एमवी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
मास्क व फेस कवर अनिवार्य
यात्रा के दौरान यात्रियों को मास्क, फेस कवर और ग्लास लगाना अनिवार्य होगा।साथ ही ड्राइवर तथा कंडक्टर के लिए मास्क के साथ फेस शील्ड पहनना अनिवार्य होगा। वाहनों में बैठने के समय सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा. वाहन रुकने के स्थान पर लोगों के उतरने चढ़ने के समय भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा,इसे कंडक्टर सुनिश्चित करेंगे।
थर्मल स्कैनिंग से हर यात्री के टेंपरेचर की करनी होगी जांच
विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक बसों में प्रवेश के समय थर्मल स्कैनर से यात्रियों के तापमान की जांच करनी होगी. इसकी व्यवस्था वाहन मालिकों द्वारा की जायेगी. सामान्य से अधिक तापमानवाले व्यक्तियों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जायेगी।उन यात्रियों को सलाह दी जायेगा कि वे अविलंब चिकित्सकीय परामर्श लें।यात्रा के दौरान चालक या यात्रियों द्वारा धूम्रपान, पान, गुटखा, खैनी खाना प्रतिबंधित रहेगा. यात्रा के दौरान हाथों से अनावश्यक मुंह,आंख, नाक आदि नहीं छूने की सलाह दी गयी है. वहीं सार्वजनिक स्थानों, बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड में जहां-तहां थूकना वर्जित होगा. पकड़े जाने पर दंड दिया जायेगा।
आरोग्य सेतु एप इंस्टॉल करना जरूरी
आदेश के मुताबिक यात्री एवं चालकों के पास स्मार्टफोन रहने पर वे आरोग्य सेतु एप इंस्टॉल कर उसे ऑन रखना होगा. यात्रा करनेवाले सभी लोगों से अपील की जाती है कि घर पहुंचने पर अपने कपड़े बदल कर उन्हें साफ कर स्नान अवश्य करें. वहीं यात्रा के बाद कुछ दिनों तक घर के वृद्ध व्यक्तियों, रोग ग्रस्त व्यक्तियों से सोशल डिस्टेंसिंग बना कर रखें. यात्रा के दौरान पानी की उपलब्धता होने पर खाने-पीने के पूर्व अपने हाथ साबुन से धोएं एवं पानी की उपलब्धता नहीं होने पर सैनिटाइजर से हाथों को सैनिटाइज करें।
हर नये यात्री के बैठने से पहले सीट करना होगा सैनिटाइज
बसों में स्प्रे सैनिटाइजर रखना होगा. प्रत्येक बार नये व्यक्ति के बैठने के पूर्व सीटों को सैनिटाइज करना होगा एवं पूरी बस को सोडियम हाइपोक्लोराइट से साफ करना होगा. बसों में प्रवेश तथा निकासी के दरवाजे अलग-अलग रखने होंगे। अलग-अलग दरवाजा नहीं रहने पर निकास एवं प्रवेश करने वाले यात्रियों को अलग-अलग समय पर अनुमति देनी होगी। इसे कंडक्टर सुनिश्चित करेंगे. वहीं यात्रियों से कहा गया है कि वाहनों की रेलिंग का उपयोग कम से कम करें।
साथ ही यात्रा के दौरान सामान डिक्की में रखना अनिवार्य होगा।65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों अन्य रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को आवश्यक सेवाओं और स्वास्थ्य प्रयोजनों को छोड़ कर घर पर रहने की सलाह दी जाती है।
सीटों की संख्या से आधे होंगे पैसेंजर
बस मालिकों को विभाग की ओर से निर्धारित की गयी सीट के अनुरूप ही यात्री को बैठाना होगा. सीटों की जितनी संख्या होगी, उसका आधा पैसेंजर बैठाना होगा।विभाग की ओर से तय किया गया है कि 52 सीटर बस में 26 यात्री, 48 सीटर बस में 24 यात्री, 32 सीटर बस में 16 यात्री, 22 सीटर बस में 11 यात्री और 12 सीटर बस में 6 यात्री यात्रा कर सकते हैं। बस के चालक को यात्रा कर रहे यात्रियों की सूचना यात्री पंजी में दर्ज करनी होगी एवं उसे सुरक्षित रखना होगा. कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर उपलब्ध कराना होगा. यात्रा करनेवाले यात्री को भी यात्रा करनेवाले बसों का निबंधन संख्या एवं यात्रा की तिथि निश्चित रूप से अपने पास रखना होगा. बस मालिक रूटवार एवं तिथि वार ड्राइवरों और असिस्टेंट का नाम एवं मोबाइल नंबर सुरक्षित रखेंगे. ड्राइवर के केबिन में यात्रियों का प्रवेश नहीं होगा और ना ही कोई यात्री उस केबिन में बैठेंगे. बसों में ड्राइवर का केबिन रह नहीं रहने पर प्लास्टिक से ड्राइवर केबिन तैयार कर उन्हें यात्रियों के संपर्क से अलग रखना होगा।