Ranchi:शूटरों को घर में पनाह देने और घटना के बाद अपनी कार से रामगढ़ तक पहुँचाने वाले दो गिरफ्तार,कार बरामद,दोनों को भेजा गया जेल
राँची।राजधानी राँची में 19 दिसंबर 2020 को नामकुम थाना के चाय बागान में हुए गोलीकांड में शामिल दो और आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर कार्रवाई की गई है।नामकुम थाना पुलिस ने पिंटू कुमार राम,पिता झूलन राम,हातमा राँची और विकेश कुमार चौधऱी ऊर्फ विक्की पिता जगदीश प्रसाद चौधरी गांधीनगर कांके रोड को गिरफ्तार की है।वहीं जिस कार से शूटरों को रामगढ़ छोड़ा था उसे बरामद किया है और मोबाइल भी बरमाद हुई है जिससे बातचीत हुई है।दोनों को कोविड टेस्ट के बाद जेल भेज दिया गया है।
वहीं एक हत्याकांड में जो कि घटना नामकुम खटाल के पास हुई थी।उस घटना के आरोपी मनीष तिवारी जो कई महीने से फरार चल रहा था उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा।
इधर,नामकुम थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि गोली कांड मामले में पिंटू और विक्की दोनों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। उन्होंने बताये की पिछले दिनों गिरफ्तार दोनों शूटरों ने पूछताछ में बताया था कि पिंटू और विकेश ने दोनों को राँची लाने फिर घटना के दिन रात में पिंटू के घर रुकने और दूसरे दिन राँची से कार से रामगढ़ छोड़ा गया था।घटना के बाद राँची दोनों शूटरों को छिपाना और बाहर भेजने की जिम्मेदारी इसे दी गई थी। यह न केवल शूटरों को पूरे इलाके की रेकी कराया था बल्कि उसे अपने घर में पनाह भी दिया था। घटना के बाद उन्हें रामगढ़ से छपरा का बस टिकट कटवाकर भेजने के इंतजाम भी इसी दोनों ने किया था।
13 फरवरी को बिहार के छपरा से दो शूटरों की हुई थी गिरफ्तारी:
इससे पहले घटना को अंजाम देने वाले दो शूटरों को राँची पुलिस 14 फरवरी को बिहार के छपरा से गिरफ्तार की थी। छोटे लाल राय और शैलेश कुमार ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे।उसने बताया था मुकेश झा की हत्या के लिए उसने 5 लाख रुपए की सुपारी ली थी।जिसमें हत्या की शाजिश राँची से लेकर पटना तक के लोगों का हाथ है।पूछताछ में छोटेलाल ने बताया कि जमीन कारोबारी नीरज झा ने एडवांस तौर पर उसे 20 हजार रुपए दिया था। इसके बाद ही मुकेश झा पर उन्होंने गोली चलाई थी।
7 लोग गिरफ्तार लेकिन मुख्य साजिशकर्ता अभी भी लापता है:
नामकुम में हुई गोलीबारी की इस घटना में अभी तक लगभग 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो शूटर समेत 5 लोगों को अब तक पुलिस जेल भेज चुकी है। लेकिन घटना का मुख्य साजिशकर्ता नीरज झा अभी भी लापता है। नामकुम थाना प्रभारी ने बताया कि उसे ढूढ़ने का प्रयास जारी है।उन्होंने इसके लिए लोगों से भी अपील की है कहीं भी नीरज झा मिले या दिखे इसकी सूचना पुलिस को दें।सूचना देने वालों को उचित इनाम दिया जाएगा।
जोरार की जमीन को लेकर था विवाद
थाना प्रभारी ने बताये की नामकुम के जोरार स्थित एक जमीन को लेकर नीरज और मुकेश के बीच विवाद सामने आया है।वही पैसे की लेन देन का भी मामला है,कई बार मुकेश उससे पैसे की मांग कर रहा था। लेकिन वह टाल-मटोल कर रहा था। इसी क्रम में मुकेश ने उसे धमकी दी थी कि पैसा वापस कर दो, नहीं तो अंजाम बुरा होगा। इसी बात को लेकर नीरज ने उसकी हत्या की साजिश रची थी। 19 दिसंबर को चायबागान में उनके घर के पास ही शूटरों ने उन पर हमला किया था। इसमें उनकी बांह और पैर में गोली लगी थी। वहीं उसके दो अन्य साथियों को हाथ में गोली लगी थी। तीनों लोग खतरे से बाहर इलाज के बाद आ गए थे।
कैसे छोटेलाल के झांसे में आया शैलेश:
गोलीकांड में जिन दो अपराधियों को पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार किया है।उसने कई चौकानें वाले खुलासे किए है।दोनों आरोपी में से शैलेश ने पूछताछ में बताया था कि वो पटना में रहकर पढ़ाई करता था।आर्मी में जाने के लिए तैयारी करता था।एक दिन आर्मी दौड़ में ही छोटेलाल राय से मुलाकात हुई।उसके बाद दोनो में खासी जानपहचान हो गई।उसके बाद शैलेश और छोटेलाल में बातचीत होने लगी।इसी दौरान 17 दिसम्बर को छोटेलाल ने शैलेश से कहा राँची चलो घूमकर आते हैं।दोनों राँची आ गया।यहाँ पर उसे नीरज झा ने किसी एक बड़े जमीन कारोबारी के किसी स्थान पर ठहराया था।उसके बाद 18 दिसम्बर को नीरज झा और उसके आदमियों ने नामकुम में दोनों को लेकर आया और लोकेशन दिखाया था। कैसे कैसे हाथ करना है किस जगह घटना को अंजाम देना है कैसे भागना है।इसी बीच लोकेशन देखने पहुँचने तक शैलेश अंजान था कि आखिर राँची में लाकर छोटेलाल ऐसे क्यों घूमा रहा है।उसके बाद रात में शैलेश ने छोटेलाल से पूछा क्यो घुमा रहा था।तब छोटेलाल ने बताया कि कल सुबह किसी की हत्या करनी है।उसके बाद शैलेश का होश उड़ गया।उसने कहा नहीं करेंगे हमको भाड़ा दीजिये हम घर जाएंगे।छोटेलाल ने उससे कहा घटना में साथ नहीं जाएगा तो ये लोग तुमको भी मार देगा।उसके बाद सुबह नीरज झा और उसके आदमियों ने दोनों को लेकर खोजा टोली के पास मैदान के पास ले गया और वहीं पर दोनो को तीन पिस्टल बाइक दिया।जिसमें शैलेश को बाइक चलाने कहा और उसको एक पिस्टल दिया।वहीं छोटेलाल को दो पिस्टल दिया।घटना स्थल पर पहुँचने के बाद जैसे मुकेश झा वहां पहुँचा की दोनों घात लगाए बाइक से पहुँच गया फिर दिया घटना को अंजाम।शैलेश ने पूछताछ में बताया कि उसे पटना में छोटेलाल ने 4000 दिया था।
6 फरवरी को पुलिस ने निखिल कुमार (24), निशांत सांडवार (31) और सौरभ सिंह उर्फ पिंकू (34) को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल बिना नंबर की एफजेड यामाहा बाइक, काले रंग की स्कॉर्पियो JH01CY4716 व अभियुक्तों का मोबाइल फोन बरामद किया था। घटना का मुख्य साजिशकर्ता नीरज झा काफी दिनों से लापता है। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। नीरज झा के लापता होने के मामले में अनहोनी का संदेह जताया जा रहा है।
19 दिसम्बर 2020 को गोली चली थी:
19 दिसंबर 2020 को जब मुकेश झा मंदिर में पूजा करने के बाद चाय बागान में अपने दोस्तों के साथ बातचीत कर रहा था, तभी घात लगाए अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी की। गोलीबारी में मुकेश के साथ प्रवीण कुमार और रंजीत बंगाली भी गोली लगी थी। आनन-फानन में तीनों को मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुकेश के बयान पर नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। गठित टीम ने पूरे मामले की जांच की और तीन आरोपियों को धर दबोचा।
अबतक क्या क्या हुआ:
19 दिसम्बर 2020 को तीन लोगों के ऊपर गोली चली।गोलीकांड को लेकर नामकुम के ही नीरज झा समेत कई लोगों से नामकुम थाना में पूछताछ हुई।नीरज को पुलिस दो दिन तक थाना में रखकर पुछताछ की।उसके बाद छोड़ दिया।उसके बाद पुलिस के द्वारा 22 दिसम्बर 2020 से 4 फरवरी 2021 तक गोलीकांड का कोई उद्भेदन नहीं हो सका। 24 जनवरी 2021 रात 9 बजे से अचानक नीरज झा गायब हो गया। 27 जनवरी को उसके पिता ने नामकुम थाना में मामला दर्ज करवाया।पुलिस रेस हुई,28 जनवरी को आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को उठाया और पुछताछ की। 5 फरवरी को पुलिस को जानकारी मिली कि इसमे से तीन गोलीकांड में शामिल है। 6 फरवरी को ग्रामीण एसपी ने नामकुम थाना प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि मुकेश झा और उसके दो सहयोगियों पर गोली नीरज झा ने चलवाया था और उसमें ये तीन नाम शामिल है जिसे जेल भेजा जा रहा है। 13 फरवरी को दो शूटरों को बिहार से गिरफ्तार किया।उसके बाद शूटरों को पनाह देने वाले 16 फरवरी को दो कांके से गिरफ्तार हुए।वही नीरज झा को गायब हुए 24 दिन बीत गए लेकिन अभीतक कुछ पता नहीं चला है।