करमा की डाली नदी में विसर्जन करने गयी तीन बच्चियां नदी में बह गई….

हज़ारीबाग।झारखण्ड के हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के ओबरा गांव की तीन बच्चियां मंगलवार को बड़ाकर नदी के तेजधार में बही गयी।बताया जा रहा है कि तीनो बच्चियां गांव के अन्य महिलाओं के साथ नदी में करमा की डाली विसर्जन करने गयी थी। इसी बीच पैर फिसल गया और तीनों पानी की तेजधार में चली गयी।इधर सूचना के बाद प्रशासन का अमला घटना स्थल पर पहुंच गया है।स्थानीय लोग और स्थानीय गोताखोर खोजबीन में लगे हैं।एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया है।वहीं इस घटना की सूचना मिलने के बाद इलाके में हड़कम्प मच गया है। भारी संख्या में लोग घटना स्थल पर पहुँचे हुए हैं।


ओबरा गांव की कुछ बच्चियां मंगलवार को करमा डाली का विसर्जन करने बड़ाकर नदी गईं थीं. इस दौरान नदी के तेजधार में 6 बच्चियां बही गयीं. स्थानीय लोगों ने किसी तरह तीन को बाहर निकाल लिया, लेकिन तीन बच्चियां नदी में बह गईं। बताया गया कि बच्चियां गांव की अन्य महिलाओं के साथ नदी में करमा की डाली प्रवाहित करने गयीं थीं।इसी बीच पैर फिसल गया और वे तेजदार पानी की धार में चली गयीं।घटना की सूचना के बाद प्रशासन का अमला घटनास्थल पर पहुंच गया ।जिसके बाद गोताखोरों की टीम को बुलाया गया।

बताया जाता है कि इनमें तीन छात्राओं को मछुआरों ने अपनी जान हथेली पर रखकर किसी तरह बचा लिया, लेकिन शेष तीन छात्राएं पानी की तेज धार में बह गयीं।घटनास्थल से करीब ढाई किमी दूर दिव्यअंशु कुमारी (14 वर्ष, पिता सत्येंद्र यादव) का का शव स्थानीय तैराकों ने बरामद कर लिया है। जबिक प्रेमा कुमारी (13 वर्ष, नारायण राणा) एवं सपना कुमारी (14 वर्ष, पिता सुरेंद्र यादव) का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है।बड़ाकर नदी में डूबीं छह छात्राओं में तीन छात्राओं को जीवन दान देने वाला 15 वर्षीय दिव्यांग शाहील चयकला का रहने वाला है।वह गोताखोर टीम का छोटा सदस्य है।वह मछली पकड़ने बड़ाकर नदी गया था।वह नदी में कुछ दूरी पर वंशी लगाए बैठा था।तभी ये छात्राएं करमा की डाली नदी में प्रवाहित करने पहुंची थीं।इसी दौरान हादसा हो गया।