गढ़वा और पलामू का मोस्ट वांटेड अपराधी की राजधानी राँची में हत्या,30 से अधिक मामला था दर्ज,गोली मारने वाले अपराधियों की हुई पहचान…..थाना से कुछ ही दूरी पर दिनदहाड़े हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई…
राँची।राजधानी राँची में डेली मार्केट थाना से महज 50 से 60 फिट की दूरी पर शनिवार को दिनदहाड़े 3.20 बजे बाइक सवार अपराधियों ने बाइक सवार युवक की गोली मारकर हत्या कर दी।मृतक की पहचान बजुद्दीन उर्फ छोटू रंगसाज पलामू और गढ़वा जिला का मोस्ट वांटेड अपराधी के रूप में हुई है। उसके ऊपर पलामू और गढ़वा जिले के अलग-अलग थाने में कुल 30 मामले दर्ज थे। पलामू में हुए गुड्डू खान के ऊपर बम से हमले के मामले में वह मुख्य आरोपी था।इसके अलावे बसपा नेता की हत्या की हत्या में शामिल था।फिलहाल छोटू रंगसाज नामकुम थाना क्षेत्र के मौलाना आजाद कॉलोनी में रहता था।पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले दोनों अपराधियों की पहचान मृतक युवक की पत्नी ने की है।जिसकी पहचान मिंटू और साबिर के रूप में हुई है। दोनों अपराधियों की गिरफ्तारी में पुलिस ताबड़तोड़ संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही है। आपसी रंजिश को लेकर छोटू की फ़िल्मी अंदाज में गोली मारकर हत्या कर दी गई है।बता दें इस हत्या से राँची पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है।जिस वक्त हत्या हुई।महज कुछ ही दूरी पर पुलिस और आम जनता के बीच शान्ति समिति की बैठक भी हो रही थी।
कौन है कुख्यात अपराधी छोटू रंगसाज,जिसकी हत्या हुई !
शैलेश केसरी हत्याकांड, गढ़वा का डबल हत्याकांड, पलामू के कारू सिंह हत्याकांड, गढ़वा बस स्टैंड गोलीकांड सहित दर्जनों चर्चित हत्याओं से जुड़ा है छोटू रंगसाज का नाम । बताया जाता है कि इस गैंगस्टर के गिरोह में गढ़वा, पलामू जिले के अलावा बिहार और यूपी के भी कुछ सुपारी किलर शामिल हैं ।
छोटू रंगसाज गढ़वा जिले में वर्ष 2000 से ही आपराधिक गतिविधि में संलिप्त रहा है। वर्ष 2009 में एक बार जेल भी जा चुका है। 2010 में जेल से निकलने के बाद से लगातार सिर दर्द बना हुआ था। पिछले सात वर्षों से कई मामलों में फरार चल रहा था। छोटू रंगसाज पर गढ़वा जिले के अलावा पलामू,राँची पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के बलरामपुर रायपुर में भी मामले दर्ज है ।
छोटू रंगसाज पर एकरार खां, इलाही खां, जटू खां सहित सात लोगों की हत्या के मामले सहित लूट और डकैती के दो दर्जन से अधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं । कई मामलों में वह बरी भी हो चुका है ।
कुख्यात अपराधी छोटू रंगसाज ने 1994 में एमसीसी नक्सलियों से लोहा लेने के लिए ओम अली सेना का गठन किया था। कुछ वर्ष बाद ही ओम अली सेना टूट गई। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में आ गया। बीच-बीच में हत्या, लूट डकैती जैसे अपराध को अंजाम देने लगा । गढ़वा और पलामू के अलावा उसका एक ठिकाना राँची भी है।
कुख्यात छोटू रंगसाज चर्चित सेल्स मैनेजर अंजनी कुमार सिन्हा हत्याकांड का भी आरोपी था। 18 जून 2022 को पलामू टाउन थाना क्षेत्र के रेड़मा के इलाके में एक मोटर पार्ट्स कंपनी के सेल्स मैनेजर अंजनी कुमार सिन्हा,राँची की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।हत्या के ठीक एक वर्ष बाद 18 जून 2023 को हत्याकांड के मुख्य आरोपी छोटू रंगसाज को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। एक साल से फरार था।गढ़वा के इलाके में पनाह लिए हुए था। पलामू पुलिस को सूचना मिली थी कि छोटू गढ़वा कोर्ट में किसी मामले में प्रस्तुत होने वाला है। इसी सूचना के आलोक पुलिस ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। वह पलामू और गढ़वा में कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का आरोपी था।