देवघर:महाशिवरात्रि के मौके पर पूजा करने पहुँचीं बड़कागांव के विधायक की पंडा से तीखी नोक-झोंक हो गयी
देवघर।मंगलवार को महाशिवरात्रि पर झारखण्ड के बाबा बैद्यनाथधाम देवघर में जिला प्रशासन की व्यवस्था नाकाफी रही। प्रशासन अंदाज ही नहीं लगा सका कि दो लाख से ज्यादा भक्त पहुंच जाएंगे। जब भक्तों का जनसैलाब उमड़ा तो नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठी भांजी।इससे भगदड़ मची। अफरातफरी की माहाैल रहा। भगदड़ के दाैरान संयोग से बड़ा हादसा टल गया। वहीं अव्यवस्था और छड़ी को लेकर बड़कागांव के कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने जिला प्रशासन की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि ऐसी घटनाओं से सरकार की बदनामी होती है।कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने मंदिर की व्यवस्था पर नाराजगी प्रकट किया। शीघ्रदर्शनम में जिस तरह छड़ी चलायी जा रही थी उसे लेकर नाराज विधायक ने कहा कि यह ठीक नहीं है। कतार में खड़ा रहना कोई गलत नहीं है। लेकिन जिस तरह छड़ी चलायी गयी वह ठीक नहीं है। इसमें अधिकारियों को देखना चाहिए। भीड़ नियंत्रण का प्रबंधन ठीक से करना चाहिए। ऐसी व्यवस्था से तो सरकार की बदनामी होगी।इसी बीच विधायक अम्बा प्रसाद से पंडा से नोंकझोंक भी हुई।महाशिवरात्रि के अवसर पर मंगलवार को बाबा वैद्यनाथ मंदिर प्रशासनिक भवन में उस वक्त अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी जब बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के साथ वरीय प्रबंधक रमेश परिहस्त की तीखी नोक-झोंक हो गयी।जिसका वीडियो बड़ी तेजी से सोषल मीडिया में वायरल हो रही है।विधायक ने कहा कि उनका शिवरात्रि के दिन जन्म हुआ है, उनके लिए खास दिन है। लेकिन एक आम लोगों की तरह पूजा करने आयी थी। बाबा से कामना किया कि वह क्षेत्र की जनता और झारखण्डवासी को सुख समृद्धि दें। अंबा प्रसाद झारखण्ड की सत्ताधारी हेमंत सरकार में सहयोगी विधायक हैं।
बताया गया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर आस्था का सैलाब उमड़ आया। द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ के दरबार में लगभग दो लाख से ज्यादा भक्तों ने जलाभिषेक किया। सुबह चार बजे से ही बोल बम बोल बम के जयकारा के बीच शिवभक्तों का पूजा अर्चना शुरू हो गया। रात नौ बजे तक पूजा अर्चना का सिलसिला चलता रहा।
इधर शीघ्रदर्शनम में प्रवेश की संकीर्ण व्यवस्था और दस हजार से अधिक टिकट काटने के कारण वीआइपी गेट से प्रवेश करने में भगदड़ मच गयी। जिसमें कईयों श्रद्धालु घायल हो गए। इसमें दो बेहोश हो गयी। जिसे भीड़ से निकालकर मंदिर कार्यालय लाकर बिठाया गया, बाद में उपचार कराया गया। मची अव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठी भी भांजी। कुछ देर के लिए चारो ओर अफरा तफरी मच गयी लेकिन पुलिस ने कुछ देर बाद पूरी व्यवस्था को नियंत्रित कर लिया। यदि सतर्कता नहीं बरती गयी होती तो हादसा हो सकता था। भीड़ को गेट पर एकत्रित होने नहीं दिया गया और शीघ्रदर्शनम की कतार मंदिर से दो किलोमीटर दूर तक चली गयी। पांच सौ रुपया टिकट लेकर जल्द पूजा करने की ख्वाहिश लिए लोगों को बहुत निराशा हुई। बहुत लोग तो बिना पूजा किए लौट गए।
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के सदस्यों ने कहा कि जिला प्रशासन को सुझाव दिया गया था कि टाइम स्लाट की व्यवस्था शीघ्रदर्शनम में रखें ताकि एक साथ भीड़ एकत्रित नहीं हो। यह नहीं होने के कारण अव्यवस्था हुई है। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के पूर्व महामंत्री दुलर्भ मिश्र ने कहा कि शीघ्रदर्शनम की व्यवस्था करने में प्रशासन पूरी तरह असफल साबित हुआ है। इनके पास कोई योजना नहीं है। पांच सौ रुपया देने वाले को प्रशासन ने कोई असुविधा नहीं दी इसलिए अव्यवस्था हुई और कई लोग घायल भी हो गए। इससे पहले सुबह बाबा बैद्यनाथ का पट तीन बजे खुला। सरदार पंडा गुलाब नंद ओझा ने विशेष पूजा की। इसके बाद आम भक्तों के लिए कपाट खोल दिया गया। सुबह से ही मंदिर में भीड़ उमड़ चुकी थी। देर रात में चार पहर की पूजा शुरू हुई जो सुबह तक चली।
बताया गया कि क्यू सिस्टम प्रबंधन को लेकर एक सौ प्वाइंट पर दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की तैनाती एक दिन पहले से की गयी थी। शीघ्रदर्शनम पांच सौ रूपया की रसीद लेकर पूजा करने वालों की अप्रत्याशित भीड़ हो जाने के कारण व्यवस्था टूट गयी। इससे भक्तों को थोड़ी परेशानी झेलनी पड़ी। प्रशासन ने काफी मशक्कत कर उसे संभाल लिया। कोविड के मानकों का पालन बहुत कम भक्त ही कर पा रहे थे। पूजा के उत्साह व उमंग में सब डूबे हुए थे। मंदिर प्रभारी सह अनुमंडल पदाधिकारी दिनेश कुमार यादव ने शीघ्रदर्शनम में हुई अव्यवस्था पर पूछने पर कहा कि अत्यधिक भीड़ इस सुविधा के लिए भक्तों की हो गयी। इस सुविधा में लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है। लेकिन उस अनुरूप स्थान की कमी है। जिससे थोड़ी असुविधा भक्तों को हुई है। मंदिर प्रशासन ने व्यवस्था को तुरंत संभाल लिया।