प्रवर्तन निदेशालय ने मिड डे मील घोटाले के आरोपी और भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक के विरुद्ध अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई
राँची।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मिड डे मील की राशि में 100 करोड़ रुपए का घोटाला करने वाले भानू कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय तिवारी के विरुद्ध अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। ईडी की ओर से प्राथमिकी के लिए दिए गए आवेदन में बताया गया है कि संजय तिवारी बड़ा जालसाज है। उसने अपने सभी पांचों महंगी एसयूवी में फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर लगवा रखे थे।
यहीं नहीं उसने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का अपना फर्जी पहचान पत्र भी बनवा रखा था। ईडी ने एनएचएआई को भी पत्र लिखकर यह जानकारी दी है कि उनके दस्तावेज का संजय तिवारी ने गलत उपयोग किया है। क्योंकि एनएचआई का जो पहचान पत्र उसके पास से मिला है, उसमें फोटो संजय तिवारी का है, जबकि बाकी ब्यौरा किसी और के नाम पर है। संजय तिवारी का यह कृत्य आपराधिक है। इसलिए उसके विरुद्ध नियमसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए। संजय तिवारी मूल रूप से धनबाद जिले के हीरापुर का रहने वाला है।
मिड डे मील प्राधिकरण के खाते में रुपए आए और ट्रांसफर हो गए, भानू कंस्ट्रक्शन के खाते में
राँची के हटिया स्थित एसबीआई शाखा से झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के खाते से पांच अगस्त को 101.01 करोड़ रुपए भानु कंस्ट्रक्शन को हस्तांतरित हुए थे। भानु कंस्ट्रक्शन को फंड का हस्तांतरण मामला तब सामने आया था, जब 19 सितंबर 2017 को राज्य निकाय ने बैंक को जिलों को धन जारी करने का निर्देश दिया। तब बैंक को मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के खाते में पैसे नहीं मिले थे। इसकी आंतरिक जांच में खुलासा हुआ था कि जुलाई 2017 में राज्य से मिड डे मील प्राधिकरण के एसबीआई स्थित उक्त खाते में 101.01 करोड़ रुपए आए तो थे, लेकिन पांच अगस्त को राशि भानू कंस्ट्रक्शन के खाते में हस्तांतरित कर दिए गए।
भानू कंस्ट्रक्शन के कर्मी के खाते में गए थे 8.27 करोड़
ईडी के अनुसंधान में इस बात का खुलासा हो चुका है कि भानु कंस्ट्रक्शन के खाते से संचालक संजय कुमार तिवारी ने 16 अगस्त, 2017 को अपने कर्मी राजू कुमार वर्मा के खाते में आठ करोड़, 27 लाख 28 हजार 309 रुपए हस्तांतरित किए थे। इसके बाद राजू कुमार वर्मा ने उक्त राशि को विभिन्न खातों में हस्तांतरित किया। उसने नकद राशि निकाले और वाहनों की खरीद की। ईडी को छानबीन में यह भी जानकारी मिली है कि भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय कुमार तिवारी की पत्नी गायत्री तिवारी के साथ मिलकर उनके सहयोगी राजू कुमार वर्मा ने कई कंपनियां संचालित की थी।
पहले सीबीआई ने दर्ज की थी प्राथमिकी, अनुसंधान में हुआ था जालसाजी उजागर
101.01 करोड़ रुपए के फर्जी हस्तांतरण मामले में सीबीआई ने पहले प्राथमिकी दर्ज की थी। जालसाजी उजागर होने के बाद ईडी ने उक्त केस को टेकओवर किया और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत पूरे मामले में अनुसंधान शुरू की थी। इस केस में ईडी ने एसबीआई के तत्कालीन उप-प्रबंधक और भानु कंस्ट्रक्शन के दो पार्टनर सहित चार लोगों को आरोपी बनाया था। उक्त राशि भानु कंस्ट्रक्शन के विभिन्न बैंकों के खातों एक्सिस बैंक लिमिटेड, एचडीएफसी, एसआरई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड, चोलामंडलम इंवेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के खाते में हस्तांतरित हुए थे।