#माता वैष्णो देवी का दरबार:5 महीने बाद माँ वैष्णो देवी का दरबार भक्तों के लिए खोल दिया गया है,कई शर्तों के साथ आज से माँ वैष्णो देवी की यात्रा का शुभारंभ हो गया है।
नई दिल्ली।कोरोना को लेकर बंद पड़े तीर्थ स्थलों को अब आहिस्ता-आहिस्ता खोला जा रहा है।पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश पर झारखण्ड सरकार ने देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में शर्तों के साथ दर्शन की इजाजत दी थी।इसके बाद अब 5 महीने से बंद वैष्णो देवी का दरबार फिर से भक्तों के लिए खोल दिया गया है। हालांकि अब भी कई पाबंदियां होगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही भक्तों को यात्रा करने की अनुमति दी गई है। इस यात्रा के दौरान भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसी कई बातों का विशेष ध्यान रखना होगा।
5 महीने बाद मां वैष्णो देवी का दरबार भक्तों के लिए खोल दिया गया है, आज से मां वैष्णो देवी की यात्रा का शुभारंभ हो गया है. कोरोना की वजह से मां वैष्णो देवी की यात्रा के कुछ नये नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना भक्तों के लिए अनिवार्य रखा गया है।कटरा बेस कैंप पर यात्रियों का पहुंचना शुरू हो चुका है।
2,000 श्रद्धालुओं को परमिशन
कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन के बीच 18 मार्च को ही वैष्णो देवी मंदिर भक्तों के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन अब देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सभी चीजों को एक-एक कर खोला जा रहा है। वैष्णों देवी दरबार खोलने के साथ साथ कई नियम लागू किए गए हैं। पहले सप्ताह 2,000 श्रद्धालु हर दिन दर्शन करने के लिए जा सकेंगे,। इनमें 1,900 भारतीय और 100 विदेशी होंगे।
शर्त ये है कि सभी की कोरोना की जांच रिपोर्ट नेगेटिव हो।
फोन पर आरोग्य सेतु ऐप रखना अनिवार्य होगा।
इसी के साथ जगह-जगह थर्मल स्क्रीनिंग से भी गुजरना होगा।
कौन नहीं कर सकेंगे माता के दर्शन
10 साल से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, 60 साल से ज्यादा के बुजुर्ग और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं होगी। विशेष परिस्थिति में ही इन्हें दर्शन करने की छूट दी जा सकेगी।
नहीं होंगे पिट्ठू, पालकी और खच्चर
चढ़ाई पर चढ़ने के लिए पिट्ठुओं, पालकियों और खच्चरों को इस बार अनुमति नहीं मिली है। इनकी जगह बैट्री चालित वाहन, रोपवे और हेलीकॉप्टर जैसी सुविधाओं होगी। कटरा से भवन जाने के लिए बाणगंगा,अर्धकुंवारी और सांझीछत के पारंपरिक मार्गों का इस्तेमाल किया जाएगा। भवन से आने के लिए हिमकोटि मार्ग-ताराकोट मार्ग का इस्तेमाल किया जाएगा।
30 सितंबर तक जारी रहेगा दिशा-निर्देश
जम्मू कश्मीर प्रशासन का यह दिशा निर्देश 30 सितंबर तक लागू रहेगा। माता के दरबार में एक बार में 600 से ज्यादा लोगों की भीड़ नहीं हो सकेगी। देवी-देवताओं को छूने पर पाबंदी होने के साथ-साथ परिसर में किसी प्रकार का कोई चढ़ावा नहीं चढ़ाया जा सकेगा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र शासित प्रदेश के सभी तीर्थस्थलों को खोलने का फैसला किया है।
जम्मू-कश्मीर में मंदिरों की ‘स्वतंत्रता’ का दिन
इस बार यात्रियों को वैष्णो देवी भवन और भैरव घाटी के बीच केबल कार की सुविधा मिलेगी. अर्धुकुमारी और वैष्णोदेवी भवन के बीच बैटरी कार चलेंगी. सांझी छत से हेलिकॉप्टर की सुविधा भी मिलेगी. इस बार हेलिकॉप्टर के लिए आपके जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. पहले एक तरफ का किराया 1045 रुपये था. जिसे बढ़ा कर 1730 कर दिया गया है. यानी अगर आप आते जाते दोनो वक्त हेलिकॉप्टर की सेवा लेना चाहते हैं तो प्रति यात्री 3460 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. पहले हेलिकॉप्टर में 6 सवारियां होती थीं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए 3 सवारियां ही बैठेंगी.।श्राइन बोर्ड की तरफ से नई एडवाइज़री जारी की गई है. जिसके मुताबिक हेलिकॉप्टर में यात्रियों की संख्या 6 की बजाए 3 कर दी गई है. इसी तरह बैटरी कार में भी यात्रियों की संख्या को आधा कर दिया गया है।
सामाजिक दूरी के साथ माता का आशीर्वाद
भले ही श्रद्धालुओं को माता के दर्शन के लिए कुछ ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ेगी।लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को तो मानना ही पड़ेगा. आखिर भक्तों के स्वास्थ्य का मामला है. पुजारी भी मानते हैं कि मंदिर की आरती में माता से भक्तों को स्वस्थ रखने की प्रार्थना ही की जाती है।माता वैष्णव देवी भवन के पुजारी सुदर्शन ने कहा कि “मैं आप सबसे इस विश्वास के साथ कह सकता हूं कि दरबार में माता रानी को जो सुबह शाम पूजा प्रार्थना होती है, वो मां को प्रसन्न करने के लिए और आप सबको स्वस्थ रखने के लिए होती है.”