कोलकाता में पकड़े गए कांग्रेस के तीनों विधायकों को झारखण्ड आने की अनुमति कलकत्ता हाइकोर्ट ने शर्तो पर दी है
राँची।करीब 49 लाख कैश के साथ कोलकाता में पकड़े गए झारखण्ड के कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी,नमन विक्सल और राजेश कच्छप को कलकत्ता हाईकोर्ट ने सशर्त झारखण्ड आने की इजाजत दे दी है। अदालत ने कहा है कि अगर सीआइडी की टीम समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाती है तो उन्हें 24 घंटे के भीतर हाजिर होना होगा। मालूम हो कि तीनों विधायक 49 लाख रुपये के साथ हावड़ा में गिरफ्तार किए गए थे। कांग्रेस ने अपने इन विधायकों के खिलाफ हेमंत सरकार गिराने के लिए खरीद-बिक्री का आरोप लगाया था।
अदालत ने सोमवार को इन तीनों विधायकों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। अब तीनों विधायक झारखण्ड आ सकते हैं। इनके मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के न्यायाधीश जयमाल्या बागची और न्यायाधीश अनन्या बनर्जी की खंडपीठ में हो रही थी। इसी खंडपीठ ने इन्हें घर आने की इजाजत दी है। खंडपीठ ने यह भी कहा है कि यदि झारखण्ड विधानसभा का काम हो तो सीआइडी को सूचना देने के बाद तीनों विधायक अपने घर यानी झारखण्ड जा सकते हैं।
मालूम हो कि जुलाई में तीनों विधायक राजेश कच्छप, नमन बिक्सल कोंगारी और इरफान अंसारी को हावड़ा पुलिस ने पंचला क्षेत्र से 49 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद मामले की जांच सीआइडी को सौंप दी गई थी। सीआइडी ने इन विधायकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद तीनों विधायकों ने जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 17 अगस्त को जमानत तो दे दी लेकिन यह शर्त लगा दी कि तीनों विधायक कोलकाता नहीं छोड़ सकते हैं। उन्हें कोलकाता में ही रहना होगा।कुछ दिन पहले तीनों विधायकों ने कलकत्ता हाई कोर्ट से कहा कि झारखण्ड विधानसभा में कई काम है। इसलिए उन्हें जाने की इजाजत दी जाए। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने सर्शत झारखण्ड आने की इजाजत दी है। मालूम हो कि कांग्रेस ने तीनों विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद करने के लिए झारखण्ड विधानसभा में आवेदन दिया है। इस पर स्पीकर न्यायाधीकरण में सुनवाई चल रही है। स्पीकर न्यायाधीकरण ने पिछले दिनों इनको आनलाइन सुनवाई में शामिल होने का निर्देश दिया था। इस पर विधायकों ने कह दिया कि उनके पास स्मार्ट फोन नहीं है।
इधर अदालत के ताजा फैसले के बाद तीनों विधायक झारखण्ड तो आ सकते हैं, लेकिन झारखण्ड विधानसभा का काम पूरा होने के बाद इन्हें कोलकाता जाना ही होगा। इसके लिए उन्हें झारखण्ड विधानसभा का पत्र भी दिखाना होगा। इस काम से इतर काम के लिए इन्हें झारखण्ड में रहने की इजाजत नहीं है।