दुल्हन ने शराबी दूल्हे को मंडप से भगाया,दुल्हन ने शादी से किया इंकार,लौट गई बारात
बोकारो।समाज में लड़कियां शिक्षित हुईं तो उनमें जागरूकता बढ़ी। नशे के दुष्प्रभाव से घर-परिवार की सुख-शांति के विनाश की कहानी उन्हें झकझोरने लगी इसलिए मौन रहने के बजाय गलत निर्णय के प्रतिरोध करने को प्रेरित हुईं।बोकारो जिले के चंदनकियारी प्रखंड का यह वाक्या इसका ताजा उदाहरण है। शराब के नशे में धुत दूल्हे को दुल्हन ने देख मंडप में ही शादी से इन्कार कर दिया। इसके बाद दूल्हे और समेत बराती को बैरंग लौटना पड़ा। मामला बरमसिया ओपी क्षेत्र के मयूरडुभी गांव का है।
दरअसल,निर्धारित समय पर बीते बुधवार की रात पश्चिम बंगाल के लागदा गांव से बरात मयूरडुभी गांव पहुंची।दुल्हन पक्ष के लोग बरातियों के स्वागत में जुट गए। उन्हें नाश्ता व शरबत परोसा गया। फिर मुहुर्त करीब देख युवक को शादी के लिए मंडप में ले जाया गया।यहां दुल्हन संग फेरे लेने के दौरान ही दूल्हा लड़खड़ाते हुए जमीन पर लुढ़क गया। यह देख वर पक्ष से कई लोगों ने उसे हाथ पकड़कर उठाने का प्रयास किया। इस बीच दूल्हे की धोती भी खुल गई।
शादी न करने के अपने फैसले पर अडिग रही दुल्हन
इस घटनाक्रम को देखते ही मंडप में दुल्हन को समझ में आ गया कि वह नशे में धुत है। शराब का आदी है। इसके साथ जीवन गुजारना कठिन होगा। परिणामस्वरूप लड़की मंडप से निकलते हुए शादी से साफ इन्कार कर दिया।परिजन-रिश्तेदारों ने समझाया, मिन्नतें भी की, लेकिन वह अपने निर्णय से अडिग नहीं हुई। अंतत: शादी नहीं हुई।
वधु पक्ष ने बारातियों से मांगे नुकसान के पैसे
बताया जाता है कि इसके बाद नया बखेड़ा शुरू हुआ। बारातियों को भोजन करवाकर भेजने के बाद वधु पक्ष के लोगों ने शादी समारोह में हुए खर्च की मांग करते हुए दूल्हा व उसके परिजनों को घेर लिया गया। उन्हें जाने नहीं दिया। बुद्धिजीवियों व कतिपय ग्रामीणों के अथक प्रयास के बाद शुक्रवार को वर-वधु पक्ष के बीच समझौता करवाया गया और खर्च मांगने का मामला शांत हुआ। इधर, लड़की के फैसले की गांव में सराहना हो रही है।